Lok Sabha Election 2019: गाजियाबाद में वीके सिंह के सामने कांग्रेस की डॉली शर्मा और गठबंधन की चुनौती

संक्षेप:

  • वीके सिंह को लेकर वोटर्स में नाराजगी
  • कांग्रेस की डॉली शर्मा ने मुकाबले को बनाया दिलचस्प
  • व्यापारियों के बीच लोकप्रिय है गठबंधन के सुरेश बंसल

गाजियाबाद: बीजेपी गाजियाबाद में एसपी-बीएसपी-आरएलडी के मजबूत गठबंधन का सामना करने के लिए देशभक्ति और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों का सहारा ले रही है जबकि शहरी इलाकों में फिर से पैठ बना रही कांग्रेस ने मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है. गाजियाबाद संसदीय क्षेत्र के लिए गुरुवार को 27,27,497 मतदाता वोट देंगे. इस सीट पर बीजेपी, कांग्रेस और एसपी के टिकट पर गठबंधन समेत कुल 12 प्रत्याशी मैदान में हैं. हालांकि मुकाबला बीजेपी, कांग्रेस और गठबंधन के बीच है. तीनों प्रमुख प्रत्याशियों को जिताने के लिए जिस तरह धुआंधार प्रचार किया गया, उससे मुकाबला कांटे का होने की उम्मीद हैं. मुख्य मुकाबला बीजेपी और गठबंधन के बीच ही नजर आ रहा हैं लेकिन प्रियंका के रोड शो के बाद कांग्रेस प्रत्याशी भी मजबूत हुई हैं.

वीके सिंह को लेकर वोटर्स में नाराजगी

2014 के चुनाव के आंकड़ों पर नजर डाले तो बीजेपी प्रत्याशी वीके सिंह को 7,58,482 वोट मिले थे. उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार राजबब्बर को 5,67,260 मतों से हराया था. बीएसपी के मुकुल उपाध्याय को 1,73,085 और एसपी के सूदन रावत को 1,06,984 वोट मिले थे. उस समय नरेंद्र मोदी की प्रचंड लहर चल रही थी और वीके सिंह सेना के जनरल पद से रिटायर्ड होने के बाद सक्रिय राजनीति में आए थे जबकि इस बार वीके सिंह को लेकर तमाम नाराजगी है कि वह पांच साल में क्षेत्र में लोगों से कम मिले.

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व्यापारियों के बीच लोकप्रिय है गठबंधन के सुरेश बंसल

दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी डॉली शर्मा का क्रेज राजबब्बर सरीखे स्टार प्रत्याशी की तरह नहीं है. इस बार एसपी बीएसपी और आरएलडी एक साथ हैं. वहीं आम आदमी पार्टी का भी समर्थन हैं. दूसरी ओर गठबंधन से चुनाव लड़ रहे सुरेश बंसल वैश्य होने के साथ ही विभिन्न व्यापारिक संगठनों से जुड़े हैं. इस सीट पर वैश्यों की संख्या तीन लाख से अधिक बताई जाती हैं. बेशक इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी से कुछ नाराजगी हो लेकिन चुनाव मोदी के नाम पर लड़ा जाने के कारण बीजेपी कमजोर नहीं है. कांग्रेस की डॉली शर्मा को ब्राह्मणों का सपोर्ट मिल सकता है.

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