शव की शिनाख्त कराए बिना गाजियाबाद पुलिस ने किया दाह संस्कार

संक्षेप:

  • 13 जुलाई को शव की शिनाख्त कराए बिना किया अंतिम संस्कार

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    15 जुलाई को परिजनों ने कपड़ो के आधार पर की मृतक की पहचान

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    नाराज परिजनों ने साहिबाबाद थाने में किया जोरदार प्रदर्शन

गाजियाबादः सीएम योगी के कड़े आदेशों के बाद भी पुलिस अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही है। मामला गाजियाबाद के साहिबाबाद थाने का है, जहां पुलिस ने बिना शिनाख्त कराए 13 जुलाई को एक युवक के शव का दाह संस्कार कर दिया। मामले का खुलासा तब हुआ जब 15 जुलाई को परिजनों ने कपड़ों के आधार पर मृतक की शिनाख्त की। वहीं पुलिस की इस लापरवाही से नाराज परिजनों और स्थानीय लोगों ने साहिबाबाद थाने पर जोरदार हंगामा किया।

मामला बढ़ता देख पुलिस ने आनन-फानन में युवक की हत्या के आरोप में अजीत, अर्जुन और आदित्य के खिलाफ केस दर्ज किया। इस मामले में साहिबाबाद थाने के इंचार्ज सुधीर त्यागी का कहना है कि थाने में मुंशी की ड्यूटी बदलती रहती है।  इस बीच कहीं चूक होने से युवक का लावारिस में दाह संस्कार हो गया। मामले की जांच की जा रही है।

जानकारी के मुताबिक, मृतक युवक से उत्तराखंड के रहने वाले गिरीश चंद नेगी लाजपत नगर जी-81 में परिवार के साथ रहता था। वह डीएमआरसी में जॉब करते हैं। गिरीश नेगी ने बताया कि उनका बेटा मनदीप सिंह नेगी उर्फ बिट्टू ऑटो ड्राइवर और पार्ट टाइम में इलेक्ट्रिशन का काम करता था। 9 जुलाई की रात 10 बजे से वह अचानक लापता हो गया। 10 जुलाई को सुबह तक उसे आसपास के इलाके में तलाश किया, पर उसका पता नहीं चल सका।

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11 जुलाई को वह साहिबाबाद थाने में मनदीप की गुमशुदगी दर्ज कराने पहुंचे। वहां पुलिस ने उन्हें मनदीप का बड़ा फोटो लेकर आने के लिए कहा। 12 जुलाई को वह बड़ा फोटो लेकर थाने पहुंचे। पुलिस ने गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज कर लिया। 13 जुलाई को परिजन फिर मनदीप के बारे में पता करने थाने पहुंचे, तो पुलिस ने तलाश जारी की बात कहकर घर भेज दिया। गिरीश चंद नेगी ने बताया कि 15 जुलाई को शनि चौकी से एक पुलिसकर्मी ने उन्हें फोन कर शिनाख्त के लिए बुलाया और कपड़े व फोटो दिखाकर शिनाख्त कराई।

एसएचओ सुधीर त्यागी ने बताया कि 9 जुलाई को देर रात सूचना मिली कि श्याम पार्क एक्सटेंशन में एक चोर पकड़ा गया है। पुलिस मौके पर पहुंची, तो लोग युवक की पिटाई कर रहे थे। पुलिस उसे छुड़ाकर थाने ले आई। यहां पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह लाजपत नगर का रहने वाला नेगी है। युवक उस वक्त बुखार से पीड़ित था, इसलिए पुलिस ने उसे एमएमजी अस्पताल में भर्ती करा दिया। वहां 10 जुलाई की सुबह उसकी मौत हो गई।

पुलिस ने उसकी डेडबॉडी शव गृह में रखवा दी। 13 तारीख को पुलिस ने उसका दाह संस्कार कर दिया। अब सवाल ये उठता है कि युवक की ओर से पता व अपना सरनेम बताने और 11 तारीख को परिजनों की ओर से युवक के लापता होने की जानकारी देने के बाद भी पुलिस ने इन दोनों मामलों को जोड़ने की कोशिश क्यों नहीं की।

इस मामले में परिजनों ने स्थानीय पुलिस की कंप्लेंट आईजी रूल्स ऐंड मैनुअल्स लखनऊ अमिताभ ठाकुर से की है। ट्रांस हिंडन आरडब्ल्यूए फेडरेशन के उपाध्यक्ष कैलाश चन्द शर्मा ने पुलिस पर बड़ी लापरवाही का आरोप लगाते हुए थाना इंचार्ज समेत आरोपियों को सस्पेंड करने की मांग की है। अमिताभ ठाकुर ने उन्हें जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिया है।

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