अनुराग की मौत का मामला: जांच कमेटी ने स्कूल प्रधानाचार्य व चेयरमैन को दी क्लीन चिट, सीएम ने दिए थे सख्त जांच के आदेश

संक्षेप:

  • स्कूल बस हादसे में गई थी अनुराग की जान।
  • परिजनों ने प्रिंसिपल व चेयरमैन के खिलाफ की थी शिकायत।
  • डीएम की जांच कमिटी ने दोनों को क्लीन चीट।

गाजियाबाद. मोदीनगर में 20 अप्रैल को स्कूल बस हादसे में छात्र अनुराग की मौत हो जाने के चर्चित मामले में पुलिस ने नामजद कराए गए स्कूल चेयरमैन उमेश मोदी और प्रधानाचार्य नेत्रपाल को क्लीन चिट दे दी है। लंबी जांच-पड़ताल के बाद सिर्फ तीन लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है। इनमें बस के ड्राइवर ओमवीर और क्लीनर जगपाल पर गैर इरादतन हत्या की धारा लगाई गई है, जबकि तत्कालीन स्कूल प्रबंधक राजू तायल को सिर्फ प्रबंधन के आदेशों की अवेहलना का आरोपी बनाया है। राजू और जगपाल को जमानत मिल चुकी है, जबकि ओमवीर 21 अप्रैल से जेल में है।

दयावती मोदी पब्लिक स्कूल के छात्र अनुराग की मौत स्कूल से घर वापस जाते समय हुई थी। उसका सिर खिड़की से बाहर निकला था। यह लोहे के गेट से टकरा गया था। इस मामले में ड्राइवर ओमवीर, प्रबंधक राजू तायल, प्रधानाचार्य नेत्रपाल और स्कूल चेयरमेन उमेश मोदी को नामजद कराया गया था। क्लीनर जगपाल का नाम पुलिस ने जांच में जोड़ा। केस हत्या की धारा 302 में दर्ज किया गया था। अनुराग की मां नेहा ने एफआईआर में आरोप लगाया था कि वह स्कूल बस में क्षमता से अधिक बच्चे ले जाने की शिकायत कर चुकी थीं, इसलिए चालक उनसे रंजिश रखता था। जिस बस में यह घटना हुई, वह फिटनेस जांच न होने के कारण ब्लैक लिस्टेड थी।

बस में ज्यादा बच्चे होने से अनुराग को घुटन महसूस हुई और उसने उल्टी करने के लिए सिर बाहर निकाला। पुलिस ने प्रधानाचार्य नेत्रपाल को भी हिरासत में लिया था लेकिन अगले ही दिन थाने से छोड़ दिया। इसके विरोध में लोगों ने भारी हंगामा किया था। जांच शुरू होते ही पुलिस ने हत्या की धारा हटाकर केस गैर इरादतन हत्या में तरमीम कर लिया था।

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डीएम ने बनाई थी जांच कमेटी

मामले में पुलिस पर आरोपियों को बचाने के आरोप लगे। इस पर डीएम ने जांच कमेटी बनाई। कमेटी की रिपोर्ट आ जाने के बाद पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। इसमें स्कूल चेयरमैन और प्रधानाचार्य को क्लीन चिट दे दी। पुलिस ने फोरेंसिक और तकनीकि रिपोर्ट आने से पहले ही आरोप पत्र दाखिल कर दिया।

सीएम योगी तक गया था मामला

अनुराग की मौत का मामला सीएम योगी आदित्यनाथ तक गया था। सीएम ने गहराई से जांच के आदेश दिए थे। साथ ही स्कूल बसों की फिटनेस चेक करने के लिए कहा था। इस पर लगभग एक महीने तक आरटीओ ने अभियान चलाया था। हालांकि, इसके बाद अभियान दम तोड़ दिया। 100 से ज्यादा अनफिट स्कूली बसें अभी भी चल रही हैं।

दो एआरटीओ पर गिरी थी गाज

इस घटना के बाद खुलासा हुआ कि फिटनेस जांच न कराने के कारण ब्लैक लिस्टेड घोषित की गई बसें भी दौड़ रही हैं। जिस बस में हादसा हुआ, वह भी ब्लैक लिस्टेड थी। इस पर सीएम के निर्देश पर दो एआरटीओ सतीश कुमार, विश्व प्रताप सिंह और आरआई प्रेम सिंह को निलंबित कर दिया गया था। सीओ सुनील कुमार सिंह का कहना है कि छात्र अनुराग की मौत के मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। अगर फोरेंसिक और तकनीकी जांच रिपोर्ट में कोई नया तथ्य आता है तो उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

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