दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर में ऊपर रैपिड रेल, नीचे टैक्सी, बीच में बस और मेट्रो का होगा परिचालन

संक्षेप:

  • ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे से निर्माण पर नजर।
  • मेट्रो और आरआरटीएस स्टेशन के बीच बनेगा एफओबी।
  • 900 पिलर्स के फाउंडेशन का काम पूरा।

गाजियाबाद- दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर पर आने वाले समय में मेरठ तिराहे पर ट्रैफिक का खास नजारा होगा। यहां पर चार तल का ट्रैफिक नजारा दिखेगा। सबसे ऊपर रैपिड रेल, उसके नीचे मेट्रो और फिर एलिवेटेड रोड, ग्राउंड फ्लोर पर टैक्सी और बसें चलतीं दिखाई देंगी। हालांकि मेट्रो, एलिवेटेड और सड़क पर ट्रैफिक मौजूदा समय चल रहा है। यहां पर बनाया जा रहा आरआरटीएस स्टेशन पूरे कॉरिडोर में सबसे ऊंचा होगा। इसकी ऊंचाई करीब 26 मीटर होगी। 

ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे से निर्माण पर नजर
कॉरिडोर के निर्माण में करीब 1100 इंजीनियर और करीब 10 हजार मजदूर दिनरात काम कर रहे हैं। गाजियाबाद में 2023 तक काम पूरा होने की उम्मीद है। रैपिड रेल के संचालन और पूरी परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य 2025 तक है। निर्माण की निगरानी के लिए सभी साइटों और निर्माणाधीन स्टेशनों के पास चार-चार कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा ड्रोन से लाइव तस्वीर अधिकारियों के पास जाती है। कहां पर काम रुका है, कहां पर जाम लगा है और कहां पर काम हो रहा है, इसकी निगरानी 24 घंटे की जा रही है। बताया गया कि करीब 60 फीसदी सिविल वर्क पूरा हो चुका है।  

एक नजर : आरआरटीएस कॉरिडोर पर 

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·        सराय काले खां से मेरठ तक : 82.15 किलोमीटर 

·        प्रोजेक्ट पर लागत : 30,426 करोड़ 

·        गाजियाबाद में स्टेशन : साहिबाबाद, गाजियाबाद, दुहाई, गुलधर, दुहाई डिपो

·        निर्माणाधीन संस्था : एनसीआरटीसी 

·        पूरे कॉरिडोर पर स्टेशनों की संख्या : 24

मेट्रो और आरआरटीएस स्टेशन के बीच बनेगा एफओबी 
शहीद स्थल मेट्रो स्टेशन और आरआरटीएस स्टेशन के बीच फुट ओवर ब्रिज (एफओगी) बनाया जाएगा, जिससे मेट्रो के यात्री स्टेशन पर बिना सड़क पार किए पहुंच सकें और मेरठ के लिए हाई स्पीड रेल में सफर कर सकें। इसकी लंबाई करीब 200 मीटर रखने की योजना है।  

900 पिलर्स के फाउंडेशन का काम पूरा
सिविल वर्क करीब 60 फीसदी पूरा हो चुका है। 900 पिलर्स के फाउंडेशन का काम पूरा हो चुका है। पिलर्स पर बायडक्ट रखने का तेजी से चल रहा है। गाजियाबाद में मेरठ तिराहे पर बन रहा स्टेशन सबसे ऊंचा होगा। ऊंचाई करीब 26 मीटर होगी। स्टेशन के पास से गुजर रही मेट्रो के ऊपर से ट्रैक गुजरेगा। 
पुनीत वत्स, सीपीआरओ एनसीआरटीसी

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