स्टूडेंट्स को जंक फूड पहुंचाता है सबसे ज्यादा नुकसान : ऋतु रजनीश

संक्षेप:

  • जानिए कैसा हो छात्रों का खान-पानी
  • क्यों ज़रूरी हैं छात्र छात्राओं के लिए सब्ज़ी, फल
  • क्या है दूध और बादाम का फायदा

गाजियाबाद। मॉर्डन स्कूल वैशाली की प्रिंसिपल ऋतु रजनीश ने NYOOOZ से ख़ास बातचीत में स्टूडेंट्स का खान पान कैसा होना चाहिए। इसको लेकर विस्तार से बताया है। उन्होंने कहा कि बच्चों की सेहत के लिए अच्छा खाना बेहद ज़रूरी है क्योंकि पौष्टिक चीज़ें अगर बच्चों के शरीर में नहीं पहुंचेंगी तो धीरे धीरे उनका शरीर और दिमाग ठीक से काम करना बंद कर सकता है। शरीर के सम्पूर्ण विकास के लिए सब्जियां, दाल, दूध बहुत ज़रूरी है।

उन्होंने कहा कि आज कल बच्चों को पास्ता, मैंगी नूडल्स, पीज्जा मोमोज़ ही ज्यादा पसंद आते हैं। ये जंक फूड उनके शरीर धीरे धीरे नुकसान पहुंचाते हैं। बच्चों को केवल एक दिन ही जंक फूड दिया जाना चाहिए। बाकी दिन बच्चों को हरी सब्जियां, दालें, अनाज ज़रूर खिलाने चाहिए। खाने का भी टाइमटेबल बनाना ज़रूरी है।

ऋतु रजनीश कहती हैं कि बच्चों के लिए रोज़ फल खाना बेहद ज़रूरी है। अभिभावकों को छात्रों को ज़रूर फल ज़रूर खिलाने चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए 2-3 गिलास दूध और बादाम भी दिमाग की तंदरुस्ती के लिए फायदेमंद होता है।

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कुछ सालों से वड़ा पाव, समोसा, डगनट, पिज़्ज़ा, बरगर, रोल, रैप ,फ्रैन्कीस, फ्रेंच फ्राई जैसे जंक फूड्स आदि ने हर शहर के हर नुक्कड़, कैंटीन, रेस्तरां, मॉल आदि में अपना एक अहम् जगह बना लिया है। लोगों की चाहत दिनों दिन इस ओर बढ़ती ही जा रही है। क्या आपने सोचा है कि इसको क्यों जंक कहा जाता है? जंक शब्द का मतलब होता है बेकार की चीज जिसका कोई फायदा नहीं होता है। दूसरी तरफ स्वास्थ्यवर्द्धक खाने की चीजें पौष्टिकता से भरपूर तो होती ही हैं साथ ही स्वादिष्ट भी होती हैं। अतिरिक्त मात्रा में जंक फूड खाने से न सिर्फ आपको बहुत सारी बीमारियाँ हो सकती हैं साथ ही मोटापा आपके सुंदर शरीर के काया को ही बदल देती हैं। जानिए कैसे जंक फूड आपको शरीर को बीमारियों का घर बनाने में अहम भूमिका बनाते हैं।

जल्दी लगती है थकान
जंक फूड आपके भूख को तो मिटाते हैं लेकिन इसमें ज़रूरी प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेड बिल्कुल नहीं होता है, जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है। हमेशा जंक फूड खाने से आपके शरीर की ऊर्जा खत्म होने लगती हैं जिसके फलस्वरूप आप थकान महसूस करने लगते हैं। पढ़े- इन 10 कारणों से वजन घटना भी हो सकती है गंभीर समस्या

मानसिक अवसाद बढ़ता है
किशोर वर्गों में जंक फूड खाने का चलन बहुत ज़्यादा होता है। इससे उनके शरीर के हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है। फलस्वरूप स्वभाव में बदलाव और मन के भाव के बार-बार बदलाव (mood swings) होने लगता है। लेकिन हेल्दी खाना खाने से हार्मोन का संतुलन ठीक रहता है। शरीर को ज़रूरी पौष्टिकता तो मिलता ही है साथ ही अवसाद आदि की समस्या भी नहीं होती है।

एसिडिटी की समस्या बढ़ती है
जंक फूड खाने से हजम शक्ति दुर्बल होने के साथ-साथ पेट की गड़बड़ी की समस्या रोजमर्रा के जिंदगी का अंश बन जाता है। क्योंकि जंक फूड एक ही तेल में बार-बार डीप फ्राइ किया जाता है। यह तेल पेट में जाकर जमा हो जाता है और इसमें फाइबर की मात्रा शुन्य के बराबर होने के कारण हजम करने में भी मुश्किल होता है।

ब्लड-शगुर की सम्भावना बढ़ती हैं
जंक फूड में उच्च मात्रा में रिफाइन्ड शुगर होता है जो चयापचय (metabolism) के दर को कम कर देता है। जंक फूड कार्बोहाइड्रेड और प्रोटीन के स्तर को गिरा देता है जिसके फलस्वरूप और भूख लगती है और लोग ज़्यादा जंक फूड खा लेते हैं।

मस्तिष्क को नुकसान
हाल के अनुसंधान से पता चला है कि जंक फूड खाने से ब्रेन के हेल्दी फैट के जगह पर बैड फैट जगह ले लेता है जिससे मस्तिष्क के सामान्य कार्यकलाप में बाधा उत्पन्न होने लगता है।

हार्ट पेंशेंट बनने का ख़तरा
जंक फूड खाने से दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि जंक फूड में कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसेराइड प्रचुर मात्रा में होता है।इससे मोटापा होने और बढ़ने की आंशका बढ़ जाती है।

लीवर की समस्या
इसमें जो ट्रांस फैट होता है वह लीवर में जम होता है जिसके फलस्वरूप लीवर के सामान्य कार्य में बाधा उत्पन्न होती है।

टाइप-2 डाइबीटिज़ का ख़तरा
जब आप हेल्दी फूड खाते हैं तब शरीर को ग्लूकोज़ मिलता है जो इन्सुलिन को नियंत्रित रखता है। लेकिन जब चयापचय का स्तर प्रभावित होता है तब शरीर इन्सुलिन का इस्तेमाल अच्छी तरह से कर नहीं पाता है फलस्वरूप डाइबीटिज होने का खतरा बढ़ जाता है।

हो सकता है कैंसर
हाल के अनुसंधान से पता चला है कि उच्च मात्रा में शुगर और फैट युक्त खाना खाने से कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।

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