गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर नहीं हो रहा कम, ये है इसके बढ़ने के कारण

संक्षेप:

  • गाजियाबाद में नहीं कम हो रहा प्रदूषण का स्तर
  • एनजीटी के आदेश को भी नहीं किया जा रहा लागू
  • अचानक प्रदूषण स्तर बढ़ने का कारण

गाजियाबाद: गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर कम होता नहीं दिखाई दे रहा है। यही नहीं जमीनी स्तर पर देखा जाए तो एनजीटी के आदेश को भी सही तरीके से लागू नहीं किया जा रहा है। जिसकी वजह से प्रदूषण का स्तर कम नहीं हो रहा है।

मनमाने तरीके से कूड़ा कहीं भी जलाया जा रहा है। शहर में हो रहे निर्माण न तो ग्रीन कवर किए गए हैं और न ही वहां रखे गए निर्माण सामग्री को ढका जा रहा है। इस सीजन की बात करें तो बुधवार को गाजियाबाद का प्रदूषण स्तर अभी तक का सबसे अधिक रहा है। कानपुर (363 एयर क्वॉलिटी इंडेक्स) के बाद गाजियाबाद (355 एयर क्वॉलिटी इंडेक्स) देश में दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बना। जबकि एनसीआर में तो सबसे ऊपर रहा।

मंगलवार को गाजियाबाद का प्रदूषण स्तर 276 एक्यूई था। अचानक एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में 79 पॉइंट की वृद्धि दर्ज की गई। बढ़े हुए प्रदूषण में धूल के कण की मात्रा यानी पीएम-10 प्रमुखता से रिकार्ड किया गया है। बता दें कि सोमवार को गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा है।

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क्रॉसिंग रिपब्लिक में रहने वाले लोगों को बुधवार को भी फिर एक बार कार्बन की बारिश का सामना करना पड़ा। कुछ दिन पहले भी वहां प्रदूषित तत्वों (काला धुआं) की बारिश हुई थी। रेजिडेंट्स का आरोप है कि कांटिनेंटल कार्बन इंडिया लिमिटेड की वजह से क्रॉसिंग में प्रदूषित तत्वों की बारिश होती है। इसी वजह से सुबह के समय रेजिडेंट्स सैर करने के लिए भी नहीं निकलते।

पर्यावरणविद् का कहना है कि आने वाले दिनों में जैसे-जैसे सर्दी बढ़ेगी वैसे ही प्रदूषण की समस्या और भयानक होगी। क्योंकि नवंबर महीने में हवा की रफ्तार कम होती है। जिसकी वजह से प्रदूषित तत्वों का घनत्व बढ़ जाता है। साथ ही तापमान में गिरावट होने और हवा में नमी से प्रदूषित तत्व को वायुमंडल के निचले हिस्से में रोके रखता है। इससे स्मॉग की समस्या पैदा होगी।

अचानक प्रदूषण स्तर बढ़ने का कारण

- नैशनल हाइवे पर मिट्टी से जुड़े काम होने पर

- कूड़ा जलाए जाने पर

- मैकेनिकल स्वीपिंग न कराकर मैनुअल स्वीपिंग

- फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं से

जीडीए ने एनजीटी के आदेश के तहत अभी तक केवल 46 प्रदूषण फैलाने वाले मामले पर 8.55 लाख रुपये का जुर्माना किया है। इसमें अभी तक 80 हजार रुपये ही जमा हो सके हैं। जुर्माना लगाने की रफ्तार भी इन दिनों कम हुई है। जोन चार और जोन आठ में अधिक जुर्माना हुआ है।

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