राकेश टिकैत ने कहा- आंदोलन को शाहीनबाग समझने की भूल न करे सरकार, लॉकडाउन भी लगे तो आंदोलन चलता रहेगा

संक्षेप:

  • राकेश टिकैत ने सरकार को चेताया
  • बिना कानून वापस लिए आंदोलन खत्म नहीं होने वाला
  • लॉकडाउन भी लगा तो आंदोलन खत्म नही होगा- टिकैत

ग़ाज़ियाबाद। कई महीनों से चल रहे किसान आंदोलन का जोश अभी तक खत्म नहीं हुआ है. किसान आंदोलन के दौरान बड़े नेता के रूप में उभरे राकेश टिकैत का हाल ही में सरकार के लिए जवाब आया है. राकेश टिकैत ने कहा- चाहे देश भर में लॉकडाउन या कर्फ्यू लग जाए, यह किसान आंदोलन चलता रहेगा।

सरकार इसे शाहीनबाग समझने की भूल न करे, बिना कानून वापस लिए आंदोलन खत्म नहीं होने वाला। ये बातें यूपी गेट पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहीं। मंगलवार को राकेश टिकैत ने यूपी गेट पर शहीद स्मारक का लोकार्पण भी किया। इस दौरान देश के कई राज्यों से सैकड़ों किसान उपस्थित हुए। समाजसेवा मेधा पाटकर ने भी यूपी गेट पहुंचकर किसानों का हौसला बढ़ाया। 

शहीद स्मारक का लोकार्पण किया

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शहीद स्मारक का लोकार्पण करते हुए उन्होंने कहा कि हमने प्रतीकात्मक तौर पर यहां किसान और जवान की याद में स्मारक का निर्माण किया है। राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के खेतों की मिट्टी वह लोग पार्लियामेंट की नींव में भी रखेंगे, ताकि जब भी कोई किसान का बेटा वहां पहुंचे तो उसे याद रहे कि इसकी नींव में उनके खेतों की मिट्टी है।

इससे वह अपने देश और माटी से लगाव रखेगा। राकेश टिकैत के साथ ही आंदोलन स्थल पर पहुंची मेधा पाटकर ने भी अपने संबोधन में सरकार को मनुवादी सोच से प्रभावित बताया। उन्होंने कहा कि देश के लोगों को एकजुट होकर किसान हित में आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान एमएसपी की मांग कर रहे हैं जो उनका अधिकार है वह कोई भीख नहीं मांग रहे। 

राकेश टिकैत- अब यह क्रांति हर खेत-खलियान, हर दिल और दिमाग का हिस्सा बन चुकी है

किसानों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि अब यह क्रांति हर खेत-खलियान, हर दिल और दिमाग का हिस्सा बन चुकी है।  कहा कि सरकार जब गूंगी बहरी हो जाए तो हर व्यक्ति को सोशल मीडिया का सहारा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि 1857 की तर्ज पर हमें हर देशवासी तक किसान क्रांति की आवाज पहुंचानी है। 

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