डरपोक बनी पुलिस: कचहरी गेट के बाहर हुई अभियुक्त की हत्या, बदमाशों की फायरिंग देख हापुड़ व हरियाणा की पुलिस दुबकी

संक्षेप:

  • कचहरी गेट के बाहर हुई अभियुक्त की हत्या।
  • बदमाशों ने की थी ताबड़तोड़ फायरिंग।
  • आधुनिक हथियारों के बावजूद पुलिसकर्मियों ने नहीं चलाई एक भी गोली।

गाजियाबाद. हापुड़ में कचहरी गेट के बाहर हुई अभियुक्त की हत्या में हरियाणा पुलिस के जवानों की भूमिका संदिग्ध है। हापुड़ पुलिस की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है। बदमाश ताबड़तोड़ गोलियां बरसाते रहे, हरियाणा पुलिस के जवानों एक भी जवाबी फायरिंग नहीं की। भागते हुए बदमाशों का पीछा भी नहीं किया। अभियुक्त लखन के साथ आए पुलिसकर्मियों के पास कार्बाइन के साथ आधुनिक पिस्टल भी थी। पूछताछ के लिए हरियाणा के चार पुलिसकर्मियों को हिरासत में लिया गया है। अर्टिगा कार में अभियुक्त के साथ हरियाणा के एएसआई विजय, हेड कांस्टेबिल ओमप्रकाश, कांस्टेबिल नरेंद्र व संदीप व चालक हेड कांस्टेबिल राजू चौहान आए थे। कार को मुख्य गेट पर रोककर जैसे ही बिना हथकड़ी के बैठे लखन को पुलिसकर्मियों ने नीचे उतारा, तभी बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षा में आए पांचों पुलिसकर्मियों के पास कारबाइन और पिस्टल जैसे आधुनिक हथियार थे लेकिन पुलिसकर्मियों ने एक भी गोली नहीं चलाई।

गोलियां चलते ही पुलिसकर्मी दुबक गए

घटनास्थल से करीब दस पंद्रह मीटर दूर कचहरी के गेट पर भी हापुड़ के करीब पांच से दस पुलिसकर्मियों की ड्यूटी रहती है। गोलियां चलते ही वहां तैनात पुलिसकर्मी भी दुबक गए। हरियाणा पुलिस की मामले में संलिप्तता की जांच करने के लिए पुलिस ने घायल पुलिसकर्मी को छोड़कर चारों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया। इनके मोबाइल की सीडीआर निकाली जा रही है।

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हत्या की रंजिश में की वारदात

24 नंवबर 2019 को धौलाना के गांव उदयरामपुर नंगला निवासी विजय की दो पुत्रियों आरती और ज्योति की फरीदाबाद से बरात आई थी। शादी की रस्म पूरी होने पर विदाई के दौरान पुरानी रंजिश को लेकर नकाबपोश बदमाशों ने सुधीर पुत्र जिले सिंह की ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी थी। मृतक के चचेरे भाई सोनू निवासी गांव अंगनपुर की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। लखन को भी आरोपी बनाया गया था।

पॉक्सो कोर्ट मामले को लेकर सुधीर व लखन की बीच हुई थी रंजिश

लखन उर्फ यशपाल सुरजकुंड थाने का हिस्ट्रीशीटर था। उस पर हत्या के अलावा संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। पॉक्सो अधिनियम के एक मामले में कोर्ट ने उसे दस साल की सजा सुनाई थी। पुलिस ने बताया कि पॉक्सो वाले मामले को लेकर ही गांव के सुधीर पक्ष के लोगों से लखन की रंजिश हुई थी। हत्या से पहले सुधीर ने अपने साथियों के साथ लखन पक्ष पर हमला बोला था। लखन गंभीर रूप से घायल हो गया था। 15 दिन आईसीयू में रहा था। उसकी बहन को भी गोली लगी थी। इसके बाद लखन को सजा हो गई और वह जेल चला गया। उसके जेल जाने के बाद धौलाना में बरात में सुधीर की हत्या कर दी गई। इस मामले में लखन के दो भाइयों समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। जांच अधिकारी ने जेल में बंद लखन को साजिश रचने का आरोपी बनाया था।

लखन के गांव में पुलिस तैनात

फरीदाबाद पुलिस के हवलदार ओमप्रकाश तथा सिपाही दीपक को भी गोली लगी है। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतक लखन के गांव अनंगपुर में एतिहात के तौर पर पुलिस टीम लगाई गई है। थाना सूरजकुंड प्रभारी इंस्पेक्टर बलराज ने गांव का दौरा भी किया। मृतक लखन दुष्कर्म के केस में नीमका जेल में सजा काट रहा था। 34 वर्षीय लखन के खिलाफ सूरजकुंड थाने में दुष्कर्म, अवैध हथियार, लड़ाई झगड़े तथा अवैध खनन के कई मामले दर्ज हैं। इसके अलावा साल 2019 के हापुड़ जिले के धौलाना थाने में लखन पर हत्या का केस  दर्ज हुआ था।

आरोपी सुनील ने सूरजपुर न्यायालय में किया समर्पण

हापुड़ न्यायालय परिसर में पेशी पर लाए गए बंदी की हत्या के आरोपी सुनील ने दो जिलों की पुलिस को चकमा देकर सूरजपुर स्थित न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। आरोपी ने मंगलवार सुबह बंदी की हत्या और पुलिसकर्मी पर जानलेवा हमले की वारदात के बाद वर्ष 2014 के एक दनकौर के एक मारपीट के मामले में आत्मसमर्पण किया। आरोपी सुनील मूलत: दनकौर कोतवाली क्षेत्र के चचूला गांव का निवासी है।

क्या है मामला

2019 में हापुड़ के उदयभानपुर नगला गांव में एक बरात में अनंगपुर गांव निवासी सुधीर की हत्या कर दी गई थी। इसका आरोप लखन पर लगा था। इसी केस में लखन को पेशी पर लाया गया था। आरोपी सुनील और 2019 में मारा गया सुधीर आपस में फुफेरे-ममेरे भाई हैं।

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