किसान आंदोलन: यूपी गेट पर हादसे का अंदेशा, 500 से अधिक टेंटों में रह रहे लोगों को लेकर बढ़ी चिंता

संक्षेप:

  • तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर दिल्ली से सटे यूपी गेट पर पंजाब, हरियाणा और प्रदेश के किसानों धरना-प्रदर्शन जारी है
  • बृहस्पतिवार को भी यूपी गेट पर किसान प्रदर्शन कर तीनों कृषि कानूनों को तत्काल वापस लेने की मांग करते नजर आए
  • वहीं, यूपी गेट पर किसानों की मौजूदगी के बीच अब गर्मियों की शुरुआत होते ही गाजियाबाद जिला प्रशासन चिंतित है

गाजियाबाद: तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर दिल्ली से सटे यूपी गेट पर पंजाब, हरियाणा और प्रदेश के किसानों धरना-प्रदर्शन जारी है। बृहस्पतिवार को भी यूपी गेट पर किसान प्रदर्शन कर तीनों कृषि कानूनों को तत्काल वापस लेने की मांग करते नजर आए। वहीं, यूपी गेट पर किसानों की मौजूदगी के बीच अब गर्मियों की शुरुआत होते ही गाजियाबाद जिला प्रशासन चिंतित है। कहा जा रहा है कि यहां 500 से अधिक टेंटों में रह रहे किसान आंधी-तूफान आने की स्थिति में हादसे का शिकार हो सकते हैं। इस दौरान किसी की जान भी जा सकती है।

बताया जा रहा है कि आने वाले समय में मौसम बदलने के साथ आंधी-तूफान से यूपी गेट पर हादसे का अंदेशा बना हुआ है। पिछले कई महीनों से यूपी गेट पर टेंटों व पंडालों का शहर बसा गया है और यहां पर किसान रात-दिन रह रहे हैं। हाल-फिलहाल में आंदोलन खत्म होता नजर भी नहीं आ रहा है, ऐसे में इसी तरह यहां पर किसानों का प्रदर्शन जारी रहने के आसार हैं।

तेज आंधी-तूफान में उखड़ सकते हैं टेंट, हो सकता है हादसा

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बताया जा रहा है कि अगले महीने यानी अप्रैल महीने में तेज आंधी व तूफान से टेंट व पंडाल उखड़ सकते हैं। ऐसे में पंडाल और टेंट के उड़ने से प्रदर्शनकारियों को तो चोट आ ही सकती हैं साथ ही इनके आसपास के हाइवे पर जाने से दुर्घटना भी हो सकती है। मंगलवार रात आई आंधी से भी करीब आधा दर्जन टेंट उखड़ गए थे। यूपी गेट पर वर्तमान में भी पांच सौ से अधिक टेंट लगे हुए हैं। तेज आंधी के कारण पेड़-पौधों के साथ बिजली के खंबे तक उखड़ जाते हैं ऐसे में पंडाल आंधी आसानी से उखाड़ देगी। ऐसे में जान-माल का भी हादसा हो सकता है।

गर्मी से बचाव की तैयारी में जुटे किसान

यूपी गेट पर जमा किसानों ने अब आगामी गर्मी से बचने का व्यापक इंतजाम भी शुरू कर दिया है। गाजीपुर बॉर्डर पर जमा किसान आंदोलन कमेटी के प्रवक्ता का कहना है कि आंदोलन स्थल पर देसी एसी लगवाने का निर्णय फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि ये देसी AC बढ़ती गर्मी के साथ ही यूपी गेट पर लगने शुरू हो जाएंगे। इस बाबत किसान आंदोलन कमेटी के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने पानी और बर्फ जुटाने की बात कही है। उधर, किसानों ने दिल्ली - मेरठ एक्सप्रेसवे पर लगे टेंट सिटी को भी गर्मी की वजह से हटाना शुरू कर दिया है। उन सभी में आराम करने वाले किसानों की व्यवस्था दूसरे तंबुओं और लंगरों में की गई है।

20 से अधिक टेंटों में मच्छरदानी, कूलर और पंखे लगाए

यूपी गेट पर मौजूद किसानों को गर्मी के साथ मच्छरों को भी बचाने का इंतजाम तेज कर दिया गया है। गाजीपुर किसान आंदोलन कमेटी के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा की मानें तो गर्मी के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों को सड़क और ट्रॉली में सोने व धरना स्थल पर बैठने में परेशानी आ रही है। ऐसे में जाहिर है गर्मी के दौरान किसानों तबीयत खराब होने का डर रहता है। ऐसे में हमने तय किया है कि यूपी गेट पर आंदोलनस्थल को देसी एसी से कवर किया जाएगा।

उधर, सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन स्थल पर बने टेंटों में अब लग्जरी और एसी ट्रॉलियां यहां पहुंचने लगी हैं। इन ट्रालियों को मोडिफाई कर आकर्षक रूप दिया है। इसके अंदर अंदर से इंसूलेटर, वाल पेपर लगाकर इसे पूरी तरह से वातानुकूलित किया गया है और बाहर इसमें विंडो एसी लगाई गई है, जो सोलर सिस्टम से चलता है। यह ट्राली आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।

ट्रॉली में एसी के साथ-साथ आराम करने और मनोरंजन व अन्य सुख-सुविधाओं का भी पूरा ख्याल रखा गया है। ट्राली के अंदर ही एक बड़ी एलईडी भी लगी है। साथ ही एक फ्रिज भी इसमें लगा है, ताकि बढ़ते तापमान को देखते हुए पानी आदि को आसानी से ठंडा किया जा सके। इसके अलावा ट्रॉली में आठ आरामदेह गद्दे भी खूबसूरत मैट पर बिछाए गए हैं। इसी तरह के इंतजाम टीकरी और शाहजहांपुर बॉर्डर पर भी किए जाने की बात सामने आ रही है।

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