ई-यूनिवर्सिटी पोर्टल से जुड़ेंगे गोरखपुर के सभी विश्वविद्यालय

संक्षेप:

  • डिजिटलाइज के लिए जल्द ही ई-यूनिवर्सिटी पोर्टल होगा लांच
  • एकेटीयू के स्टूडेंट्स तैयार कर रहे नया सॉफ्टवेयर
  • आपस में डाटा और नॉलेज शेयरिंग करना होगा आसान

गोरखपुरः सभी राज्य विश्वविद्यालयों की कार्य प्रणाली को डिजिटलाइज करने के लिए जल्द ही ई-यूनिवर्सिटी पोर्टल लांच किया जाएगा. इससे विश्वविद्यालयों की आपसी सूचनाएं आसानी से साझा हो सकेंगी. इस प्रक्रिया के तकनीकी बिंदुओं पर विचार बीते दिनों इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में एक महत्वपूर्ण बैठक भी हो चुकी है. बैठक में गोरखपुर सहित बरेली, कानपुर, आगरा, एवं एकेटीयू के वाइस चांसलर मौजूद रहे.

इसके अलावा प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों से भी कुलपति के प्रतिनिधि के रूप में आईटी विशेषज्ञ भी कार्यक्रम में हिस्सा लिए. एकेटीयू ने अपने प्रस्तुतीकरण में कहा कि विश्वविद्यालयों के पास छात्रों, शिक्षकों आदि से संबन्धित किसी प्रकार का डाटा उपलब्ध नहीं है. इन कार्यों को जिस वेंडर के माध्यम से कराया जाता है सारा डाटा उसी के पास होता है. इसमें विश्वविद्यालयों को एक ओर अधिक खर्च करना पड़ता है, वहीं दूसरी ओर वेंडरों का डाटा पर एकाधिकार हो जाता है.

इसके लिए जोर दिया गया कि ई-यूनिवर्सिटी पोर्टल के रूप में ऐसा साफ्टवेयर विकसित किया जाय जो अधिकतम रूप से सभी राज्य विश्वविद्यालयों के लिए समान रूप से लागू हो. ई-यूनिवर्सिटी पोर्टल को बनाने की जिम्मेदारी एनआईसी को दी गई है. जिसमें एकेटीयू के स्टूडेंट्स भी मदद करेंगे. एनआईसी की ओर से अपने प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि यह साफ्टवेयर `क्लाउड आधारित` होगा और मोबाइल पर भी आसानी से इस्तेमाल किया जा सकेगा.

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क्लाउड पर होने के कारण सभी राज्य विश्वविद्यालय एक दूसरे के डाटा का आसानी से शेयर भी कर सकेंगे. इतना ही नहीं यह पोर्टल भारत सरकार के `मेघराज क्लाउड` पर होस्ट किया जाएगा. यूनिवर्सिटी के जानकारों के मुताबिक इसके लिए जल्द ही सभी राज्य विश्वविद्यालयों के आईटी विशेषज्ञों की बैठक भी बुलाई गई है. जो अपने-अपने विश्वविद्यालयों की कार्य प्रणाली का ब्यौरा प्रस्तुत करेंगे. यह प्रणाली अगले शैक्षिक सत्र से लागू होने की उम्मीद है.

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