निपाह वायरस का खौफ!, तो डॉ कफील से जानिए बचने के उपाय

संक्षेप:

  • निपाह वायरस का आतंक हर राज्य में फैला
  • डॉ कफील ने जारी किया निपाह वायरस पर वीडियो
  • कहा- निपाह वायरस से घबराए नहीं, बस बरतें सावधानी

गोरखपुर: निपाह वायरस का आतंक हर राज्य में फैल रहा है। जिसको लेकर डॉ कफील ने एक वीडियो जारी किया। डॉ कफील ने वीडियो के जरिए निपाह वायरस से बचाव और नहीं घबराने की अपील की। डॉ कफील ने बताया कि निपाह वायरस सबसे ज्यादा दिसंबर से लेकर मई तक फैलता है। डॉ कफील ने बताया कि निपाह वायस क्या है...

डॉ कफील ने कहा कि यह एक ऐसा वायरस है, जो चमगादड़ में रहता है। अगर चमगादड़ किसी फल को खा ले या उस फल पर चमगादड़ का लार या पेशाब रह जाये और उस फल को इंसान खा ले तो ऐसे में उस इंसान को निपाह वायरस होने के संभावना बनी होती है। इसके अलावा, जिसको इंफेक्शन है, उसके छींकने और खांसने से आसपास खड़े लोगों में वायरस फैल सकता है। इंसान को कोमा तक ले जाने के लिए निपाह वायरस 24 से 48 तक का वक्त लेता है। जिसमें मौत होने की 70 प्रतिशत संभावना बनी रहती है।    

इसके अलावा, वायरस से बचाव की जानकारी देते हुए बताया कि इंसान को जितना हो सके उतना कोशिश करे कि वह चमगादड़ और सुअर के आसपास जाने से बचे। वहीं अगर किसी को यह वायरस हो गया तो उसके कॉन्टैक में आने से बचे। इसके अलावा, फल को अच्छे से धोकर खाये। हाथ बार-बार धोए और खांसते व छींकते समय रूमाल का इस्तेमाल करे।

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आपको बता दें कि डॉक्टर कफील खान बीआरडी ऑक्सिजन केस में करीब आठ महीने तक जेल में रहें। हाल में ही जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद उन्होंने समाजसेवा की तरफ भी अपना रुख किया। इसी बीच केरल के कोझिकोड में घातक निपाह वायरस से हो रही मौतों की जानकारी हुई। तो उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से केरल सरकार से कालीकट मेडिकल कॉलेज में काम करने की इजाजत मांगी थी।  

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