गोरखपुरः गीता प्रेस बंद होने का मैसेज वायरल, NYOOOZ ने उजागर किया सच

संक्षेप:

  • ‘गीता प्रेस बंद’  के मैसेज पर NYOOOZ की पड़ताल
  • गीता प्रेस के ट्रस्टी देवी दयाल अग्रवाल से जानी सच्चाई
  • मैसेज एक रणनीति साजिश- देवी दयाल अग्रवाल

गोरखपुरः सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक मैसेज ने पाठकों के होश उड़ा दिए है। दरअसल, सोशल पर इन दिनों गीता प्रेस को लेकर एक मैसेज बड़ी तेजी से वायरल हो रही है। दरअसल, इस ये पूरा मैसेज कुछ इस तरह है- ‘दुखद समाचार, गीता प्रेस गोरखपुर बंद होने की कगार पर है। गीता प्रेस इस परिस्थिति में नही है कि वो अपने कार्यकर्ताओं की पगार भी दे सके, क्योंकि वे सनातन धर्म की किताबें बिना किसी फायदे के बेच रहे है। अगर गीता प्रेस बंद हो गयी तो यह हमारे धर्म की बहुत बड़ी हार होंगी। हम एक कप चाय भी 10 रुपए से कम में नही खरीद सकते, लेकिन आप हनुमान चालीसा पा सकते हैं। सिर्फ एक या दो रुपये में गीता प्रेस के द्वारा छपी हुई।  अगर आप वाकई में हिन्दू धर्म को बचाने में इच्छा रखते हैं, तो आप जरूर इस मैसेज को आगे 20 लोगों को भेजेंगे ताकि गीता प्रेस बंद होने से बच सके। आपका धन्यवाद।‘

सोशल मीडिया में वायरल इस मैसेज को लेकर NYOOOZ  ने जब गीता प्रेस के ट्रस्टी देवी दयाल अग्रवाल से बात की, तो उन्होंने इस बात का खंडन किया। उन्होंने कहा कि ये किसी की सोची समझी चाल है, किसी रणनीति के तहत ऐसी चीजें वायरल की रही है। दो साल पहले एक न्यूज़ चैनल पर खबर प्रसारित हुई थी। उस समय भी ऐसी  कोई स्थिति नहीं थी और आज के समय में भी ऐसी कोई स्थिति नहीं है।

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साथ ही कहा कि वर्तमान में जो इस तरह के मैसेज आ रहे हैं, वह पूरी तरह से भ्रामक है और यह किसी की सोची समझी रणनीति के तहत भी हो सकते हैं। गीता प्रेस में इस तरह की कोई समस्या ही नहीं है और ना कभी ऐसी समस्या आएगी। यह भगवान का काम है, भगवान खुद ही इसको चलाते हैं। यहां भगवान की कृपा से सारा काम हो रहा है। यहां कोई इस तरह की बात नहीं है. केवल इसको भ्रामक तरीके से फैलाया जा रहा है।

देवी दयाल अग्रवाल ने कहा कि कुछ दिन पहले धनउगाही को की भी सूचना आई थी, अभी हमारे वहां सारी मशीनें चल रही है। सारा जगह माल जा रहा है, किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था के अंतर्गत हम पुस्तकों को सस्ते दर पर बेचते हैं। संस्था उसी तरह से कार्य करती है कि उसे किसी प्रकार की आर्थिक स्थिति का सामना ना करना पड़े। संस्था सेल्फ डिपेंडेंट है, संस्था डोनेशन भी स्वीकार नहीं करती है। इससे लगता है कि लोग भ्रामक प्रचार फैलाकर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। यह एक साजिश के तहत है। उन्होंने कहा कि हमारे कर्मचारी पूरी निष्ठा से काम कर रहे है और गीता प्रेस उसी रफ्तार से अपने काम को अंजाम दे रहा है। फ़िलहाल गीता प्रेस के पाठकों को ये एक राहत की खबर है कि गीता प्रेस बंद नहीं होगा।

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