गोरखपुर विवि दींक्षात समरोह में गवर्नर का संदेश “धैर्य रखो आगे बढ़ोगे”

संक्षेप:

  • विवि ने मनाया 36 वां दीक्षांत सामरोह
  • डॉ. जयन्त विष्णु नार्लीकर को किया गया सम्मानित
  • विज्ञान में डायरेक्ट्रेट की उपाधि से नवाजा गया

 

गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाइक ने गोरखपुर के प. दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय के 36वें दीक्षांत समारोह में शिरकत करते हुए कहा कि जीवन की प्रतिस्पर्धा बहुत कठिन होती है। परन्तु धैर्य और हिम्मत, मेहनत और लगन से इसे जीता जा सकता है। दीक्षांत समारोह में 45 छात्र छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान करने के बाद अपना अध्यक्षीय सम्बोधन दे रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि मेहनत का कोई शार्टकट नहीं होता है इसलिए पूरी निष्ठा और पारदर्शिता से कार्य करने चाहिए।

रामनाइक ने कहा कि कुल 45 छात्र छात्राओं में 37 छात्राएं और केवल 8 छात्र हैं। जो देश के प्रधानमंत्री के  बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं के नारे को गोरखपुर विश्वविद्यालय पूरी तरह चरितार्थ रहा है। यह महिला सशक्तिकरण का एक सुन्दर चित्र प्रस्तुत करता है।
 साथ ही उन्होंने आगे कहा 1954 में बी.काम किया और उस समय 150 में 4 लड़कियां थी, आज पूरा परिदृश्य बदल गया है। पहले महिलाएं या तो टीचर बनती थीं या नर्स जबकि आज आई.ए.एस., आई.पी.एस. सहित तमाम चुनौतीपूर्ण सेवाओं में जा रही है। देश की रक्षामंत्री भी महिला है जो विचार कर रही हैं कि महिला पायलटों को लड़ाकू विमान उड़ाने का मौका दिया जाये।
     

उन्होंने छात्र छात्राओं का आव्हान किया कि संकल्प लेकर तैयारी करें और जीवन की स्पर्धा में कठिनाइयों, असफलताओं से न घबरायें। बार-बार प्रयास करें,  “चरैवेति चरैवेति” का सिद्धान्त अपनाये क्यों कि यदि मनुष्य बैठा या सोया रहता है तो उसका भाग्य भी ऐसा ही रहता है। जबकि मनुष्य चलता रहता है तो उसका भाग्य भी चलता रहता है और वह अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है।
 

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वहीं दीक्षान्त समारोह में मुख्य अतिथि प्रख्यात खगोल भौतिक शास्त्री, पदम विभूषण डॉ. जयन्त विष्णु नार्लीकर ने कहा कि विश्वविद्यालय के वार्षिक कैलेण्डर में दीक्षान्त समारोह एक पवित्र दिन होता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि विद्या नगरी से प्राप्त दीक्षा का लाभ उठाकर छात्र छात्राएं जीवन को सफल बनायेगें।  इस अवसर पर गोरखपुर विश्वविद्यालय ने मुख्य अतिथि को विज्ञान में डायरेक्ट्रेट की उपाधि दी गयी।

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