एक बेड के आस में 15 कोरोना मरीज, मुख्यमंत्री जी आखिर ऐसे कैसे जीतेंगे कोरोना से जंग ?

संक्षेप:

  • प्रदेश में कोरोना से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई
  • लोगों नही मिल रहे है अस्पतालों में बेड
  • 1 बेड की आस में है 15 लोग, आखिर कैसा होगा ईलाज ?

गोरखपुर- गोरखपुर जिले में खाली होने वाले एक बेड की प्रतीक्षा करीब 15 कोरोना संक्रमित मरीज करते हैं। दरअसल,जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए कुल 1500 बेड हैं, जिनमें से प्रतिदिन करीब 15 बेड खाली होते हैं। जबकि, भर्ती होने की प्रतीक्षा कर रहे मरीजों की संख्या दो सौ के आस-पास रहती है। इनमें से करीब दस फीसदी मरीजों को वेंटिलेटर वाले बेड की जरूरत है। इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (आईसीसीसी) पर बेड की आवश्यकता वाले फोन के आंकड़े कुछ इस तरह की तस्वीर पेश कर रहे हैं।

कोरोना संक्रमित मरीजों को दवा, ऑक्सीजन, एंबुलेंस, भर्ती की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन की ओर से समेकित नियंत्रण एवं आदेश केंद्र (आईसीसीसी) स्थापित किया गया है। केंद्र के आंकड़ों के अनुसार बीते दिनों मरीजों को बेड दिलाने की 195 कॉल आईं। इनमें से बीस मरीज ज्यादा गंभीर थे, यानी उन्हें वेंटिलेटर सुविधा वाले बेड की जरूरत थी।

इनमें से मात्र आठ सामान्य और दो वेंटिलेटर वाले मरीजों को ही बेड दिलाया जा सका। आईसीसीसी में कार्यरत कर्मचारी के अनुसार प्रतिदिन जितने बेड खाली होते हैं, उनके सापेक्ष भर्ती के लिए आने वाले फोन कॉल्स की संख्या पंद्रह से बीस गुना अधिक होती है।

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