मकान गिरने से अल्ताफ ने गंवा दिया था हाथ, पिछले चार साल से रहा है पैरालंपिक्स चैंपियन

संक्षेप:

  • मकान गिरने से अल्ताफ ने गंवा दिया था हाथ।
  • पिछले चार साल से रहा है पैरालंपिक्स चैंपियन।
  • दो बार राष्ट्रीय पैरालंपिक्स में भी ले चुका है प्रतिभाग।

गोरखपुर. महज, छह साल की उम्र में एक हादसे में अल्ताफ को अपना हाथ गंवाना पड़ा। मगर, इस होनहार खिलाड़ी ने दिव्यांगता को कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। बल्कि,  कड़ी मेहनत और प्रदर्शन के बल पर वर्ष-2019 से लगातार चार बार राज्य स्तरीय पैरालंपिक्स में सुनहरी चमक बिखेर रहे हैं। दो बार राष्ट्रीय पैरालंपिक्स में भी वो प्रतिभाग कर चुके हैं।

राज्य स्तरीय एथलेटिक्स में लिया हिस्सा

रीजनल स्टेडियम में आयोजित राज्य स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में हिस्सा लेने आए अल्ताफ जावेद ने 100 मीटर दौड़ में हिस्सा लिया। भले ही वे पदक हासिल करने से चूक गए, मगर खिलाड़ियों और निर्णायकों ने उनका जमकर उत्साहवर्धन किया। अल्ताफ ने बताया कि सामान्य खिलाड़ियों के साथ प्रतिभाग कर अपनी तैयारियों को परखने का अवसर मिलता है। साथ ही दौड़ में अपने समय को सुधारने का मौका मिलता है।

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15 साल की उम्र से शुरू की थी प्रैक्टिस

मूलरूप से आजमगढ़ के शेखपुरा के रहने वाले अल्ताफ के पिता जावेद अहमद दर्जी का कार्य करते हैं। शिवली इंटर कॉलेज में 12वीं में पढ़ने वाले अल्ताफ तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। जब छह साल के थे तभी मिट्टी का मकान गिरने की वजह से उन्हें अपना एक हाथ गंवाना पड़ा। माता-पिता की आंखों के सामने तो अंधेरा ही छा गया। दोनों ने बेटे का हौसला बढ़ाया, स्कूल जाने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान अल्ताफ ने अपने एथलीट चचेरे भाई को मैदान में पसीना बहाते देखा। पदक जीतते हुए देखा तो खेल के प्रति रुचि जगी। 15 साल की उम्र में मैदान पर उतरे, धीरे-धीरे प्रैक्टिस शुरू की। अब वे लगातार अपने प्रदर्शन से लोगों को चौंका रहे हैं।

लोग कहते थें- गिर जाएगा, चोट लग जाएगी

अल्ताफ ने जब एथलेटिक्स में कॅरियर बनाने के बारे में सोचा तो सफर इतना आसान नहीं था। लोग प्रैक्टिस करते देखते थे तो गिर जाएगा, चोट लग जाएगी जैसी बातें बोलकर हतोत्साहित करते, मगर अल्ताफ ने कभी इसकी परवाह नहीं की। आज वे अपने प्रदर्शन से लोगों को मुंह बंद कर रहे हैं। उनका कहना है कि दिव्यांगता कोई कमजोरी नहीं है। अगर, कोई आप के घर में दिव्यांग हो तो उसे फेंकेंगे नहीं ना।

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