‘चौरीचौरा शताब्दी समारोह’ पर UP में एक साथ गूंजेगा वंदे मातरम, PM मोदी करेंगे संबोधित

संक्षेप:

गोरखपुर: आजादी की लड़ाई के सुनहरे अध्याय `चौरी चौरा घटना` के शताब्दी वर्ष की शुरुआत पर प्रदेश में समवेत राष्ट्रगीत `वन्देमातरम` गूंजेगा. गोरखपुर (Gorakhpur) जनपद स्थित चौरी चौरा स्मृति स्थल हो अथवा प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्वाधीनता संग्राम से जुड़े स्थान और 1947 से अब तक देश की रक्षा करते हुए शहादत देने वाले अमर शहीदों के स्मृति स्थल, हर कहीं वंदेमातरम गायन होगा. यही नहीं, 04 फरवरी की शाम पूरा प्रदेश सभी ज्ञात-अज्ञात शहीदों की स्मृति को नमन करते हुए दीप-प्रज्वलन भी करेगा.

गोरखपुर: आजादी की लड़ाई के सुनहरे अध्याय `चौरी चौरा घटना` के शताब्दी वर्ष की शुरुआत पर प्रदेश में समवेत राष्ट्रगीत `वन्देमातरम` गूंजेगा. गोरखपुर (Gorakhpur) जनपद स्थित चौरी चौरा स्मृति स्थल हो अथवा प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्वाधीनता संग्राम से जुड़े स्थान और 1947 से अब तक देश की रक्षा करते हुए शहादत देने वाले अमर शहीदों के स्मृति स्थल, हर कहीं वंदेमातरम गायन होगा. यही नहीं, 04 फरवरी की शाम पूरा प्रदेश सभी ज्ञात-अज्ञात शहीदों की स्मृति को नमन करते हुए दीप-प्रज्वलन भी करेगा.

शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीएम आवास पर चौरी चौरा शताब्दी वर्ष से जुड़े कार्यक्रमों के तैयारियों की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि समवेत वंदे मातरम गायन के लिए यह जरूरी है कि एक निर्धारित लय में ही गायन हो. स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय हों अथवा, शहीद स्मृति स्थल, सभी स्थानों पर इस संबंध में पूर्वाभ्यास कर लिया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रातःकाल प्रभातफेरी के माध्यम से कार्यक्रम की शुरुआत हो. पुलिस बैंड के माध्यम से राष्ट्रभक्ति के गीतों भी बजाए जाएं.

PM मोदी का होगा उद्बोधन

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


सीएम योगी ने कहा कि 4 फरवरी 2021 से 4 फरवरी 2022 तक चलने वाले चौरी चौरा शताब्दी वर्ष समारोह के प्रथम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष उद्बोधन भी होगा. ऐसे में, प्रधानमंत्री के उद्बोधन का सीधा प्रसारण टेलीविजन और आकाशवाणी के अलावा जगह-जगह एलईडी स्क्रीन के माध्यम से प्रदेश के सभी शहीद स्थलों पर किया जाए. इसके साथ ही, 04 फरवरी की शाम को इन पूजनीय स्थलों पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलनों का आयोजन भी किया जाए. यह सुनिश्चित हो कि कवि सम्मेलनों में स्थानीय प्रतिभाओं को स्थान मिले.

22 पुलिसकर्मी समेत 25 लोगों की हुई थी मौत

आसहयोग आंदोलन के समर्थन में जुलूस निकाल रहे लोगों पर स्थानीय पुलिस ने बल प्रयोग किया. इससे आंदोलन में शामिल लोग भड़क गए. आंदोलनकारियों की संख्या पुलिस की तुलना में अधिक थी. आंदोलकारियों के मूड- मिजाज को भांपते हुए पुलिस के लोगों ने थाने में शरण ली. भीड़ में कुछ लोग वहां पहुंचे और थाने में आग लगा दी. इस पूरे घटनाक्रम में कुल 25 लोगों की मौत हुई.

मृतकों में 22 पुलिसकर्मी और 3 आम नागरिक थे. इतिहास में यह घटना चौरीचौरा कांड के नाम से प्रसिद्ध है. चौरीचौरा कांड के बारे में इतिहासकारों का नजरिया अलग-अलग है. खुद गांधी जी ने इस घटना के बारे में कहा था कि -यह घटना इस बात की दैवीय चेतावनी है कि देश की जनता अभी स्वाधीनता के लिए अहिंसक आंदोलन को तैयार नहीं है.

19 लोगों को हुई थी फांसी

चौरीचौरा कांड में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दादा गुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ को भी अंग्रेजों ने आरोपी बनाया था. इस घटना में 222 लोगों को आरोपी बनाया गया था. बतौर वकील आरोपियों की पैरवी पंडित मदन मोहन मालवीय ने की थी. बावजूद इसके 19 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई.
इस घटना के बाद से फिरंगियों को लग गया था कि अब भारत को अधिक दिनों तक गुलाम बनाकर नहीं रखा जा सकता.

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

अन्य गोरखपुर की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles