देवरिया शेल्टर होम कांड: डीएम सुजीत कुमार को हटाया गया

संक्षेप:

  • देवरिया के शेल्टर होम में देह व्यापार का खुलासा
  • सीएम योगी ने की डीएम से फोन पर बात
  • कार्रवाई न करने पर डीएम को हटाने के आदेश

देवरिया के मां विंध्यवासिनी महिला एवं बालिका संरक्षण गृह में देह व्यापार का खुलासा होने पर मामला गंभीर हो गया है। इस मामले को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद जिलाधिकारी सुजीत कुमार को फोन कर पूरी जानकारी ली। इस दौरान इस प्रकारण की रात में ही जानकारी न देने पर जिलाधिकारी पर नाराजगी भी जताई है। इस मामले में महिला एवं बाल कल्‍याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने प्रेसवार्ता की। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री के आदेश से जिलाधिकारी को हटा दिया गया है क्योंकि वह एक साल से वहां डीएम है और उन्हें लिखकर भेजा जा रहा है, उन्होंने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इसके साथ ही पूर्व डीपीओ अभिषेक पांडेय को भी हटा दिया गया है। वहीं नीरज कुमार और अनूप सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दे दिए गए हैं।

सूत्रों का कहना है कि रविवार की रात को जिलाधिकारी के पास मुख्यमंत्री का फोन आया, लेकिन वह रिसीव नहीं कर पाए। सोमवार की सुबह मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन कर जिलाधिकारी से बात कराई गई। जिलाधिकारी सुजीत कुमार से मुख्‍यमंत्री ने लगभग दस मिनट तक बातचीत की। आपको बता दें कि मामले का पर्दाफाश तब हुआ जब संरक्षण गृह से एक बच्ची भाग कर पुलिस थाने पहुंची और सारी बात बताई। उसने पुलिस को बताया कि रोज शाम चार बजे बड़ी-बड़ी गाड़ियों में लोग आते थे और 15 साल के ऊपर की लड़कियों को ले जाते थे। सुबह जब लड़कियां आती थीं तो वे कुछ नहीं बोलती थीं। बस वे रो रही होती थीं। इसके अलावा उन्हें दूसरे के घरों में झाड़ू-पोछा जैसे तमाम घरेलू कामों के लिए भी भेजा जाता था। जिसके बाद पुलिस ने रविवार रात ही संरक्षण गृह में छापा मारा।

पुलिस को वहां रजिस्टर में 42 लड़कियों के नाम मिले लेकिन छापे के दौरान वहां 18 लड़कियां गायब मिलीं। पुलिस ने लड़कियों को मुक्त कराते हुए संरक्षण गृह की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी और उसके पति मोहन को गिरफ्तार कर लिया है और उन पर मानव तस्करी, देह व्यापार और बाल श्रम से जुड़ी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसपी रोहन पी कनय ने बताया कि बिहार के बेतिया जिले की रहने वाली 10 साल की मासूम जन्म से ही शेल्टर होम में रह रही थी। उसके जन्म के साथ ही मां की मौत हो गई थी। इसके बाद पिता ने उसे ननिहाल छोड़ दिया। लेकिन ननिहाल वालों ने भी उसे अपनी बेटी की मौत का जिम्मेदार मानते हुए शेल्टर होम के सुपुर्द कर दिया। तब से वह यहीं रह रही थी। उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली और वह कभी-कभी उससे मिलने आता था। वह शेल्टर होम को पैसे भी देता था।

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सभी लड़कियों का मेडिकल टेस्ट कराया जायेगा और सभी के बयान दर्ज कराते समय वीडियोग्राफी कराई जायेगी। पुलिस ने गायब 18 लड़कियों की बरामदगी के लिए भी टीमें बनाकर तलाश शुरू कर दी है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लेते हुए सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिले के बाल एवं महिला संरक्षण गृह के निरीक्षण के निर्देश दिये हैं। खास बात यह है कि देवरिया जिला गोरखपुर से एकदम सटा हुआ है जहां से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आते हैं।

कौन है गिरिजा

बताया जा रहा है कि गिरिजा जोकि खुद भी गायिका है वह जिले के लगभग सभी बड़े अधिकारियों के साथ बना कर रखती थी शायद इसीलिए उसके खिलाफ किसी ने कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटाई। आश्चर्यजनक है कि कई बार जिला प्रोबेशन अधिकारी और बल संरक्षण अधिकारी इस संस्था से बच्चियों को हैंडओवर करने के लिए नोटिस दे चुके थे लेकिन गिरिजा त्रिपाठी बच्चियों को हैंडओवर नहीं कर रही थी। वहीं गिरिजा त्रिपाठी ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कोई भी अनैतिक काम नहीं हो रहा था। जो लड़कियां पुलिस के कब्जे में हैं, उनसे जो चाहें कहलवा लें। रजिस्टर में जितनी लड़कियां दर्ज हैं, मौके पर पुलिस को उतनी ही मिलीं। जहां तक संस्था की मान्यता की बात है तो वह ख़त्म नहीं की गई है। मान्यता स्थगित है और मामला कोर्ट में विचाराधीन है।

मौके से 42 में से 24 लड़कियां ही मिलीं

पुलिस का कहना है कि संरक्षण गृह से 24 लड़कियों को मुक्त कराया गया है जबकि रजिस्टर में 42 लड़कियों के नाम दर्ज हैं। 18 लड़कियों का पता लगाया जा रहा है।

 

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