गोरखपुर में फैली डायरिया की बिमारी, ये है कारण...

संक्षेप:

  • गोरखपुर में बाढ़ के बाद डायरिया का कहर जारी
  • डायरिया के अब तक 829 मरीज आ चुके है सामने
  • दूषित पानी पीना और मछली का सेवन करने से हो रही ये बिमारी

गोरखपुरः गोरखपुर जिले में बाढ़ का पानी कम होते ही लोगों के बीच डायरिया जैसी गंभीर बिमारी ने  अपना बसेरा बना लिया है। बाढ़ का कहर ख़त्म होते ही उनवल गांव में पानी और मछली खाने को लेकर पूरे गांव में बीमारी फैली हुई है। इस गांव में अब तक करीब 829 लोग इस बिमारी के मरीज सामने आ चुके है। जिसमें से 8 लोगो की मौत हो गयी है।

उनवल गॉव के लोगो का कहना है कि यहां कोई भी सफाई व्यवस्था नहीं है। यहां के हैंडपंप से दूषित पानी निकल रहा है। उनवल में डायरिया का प्रकोप जारी है। एक अस्पताल में 65 मरीजों के आने की सूचना रोगी रजिस्टर में दर्ज की गई। वर्तमान में दो रोगी को ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा था। एक मरीज पूजा निषाद 20 वर्ष को चिकित्सकों ने सदर अस्पताल रेफर कर दिया।

वहीं शादाब 9 वर्ष, सुभावती 50 वर्ष, ममता 17 वर्ष व प्रीति 19 वर्ष को ग्लूकोज चढ़ाकर घर भेजा दिया गया। इसके अलावा सपना 18 वर्ष पुत्री स्व.दीनानाथ एवं ज्योति 16 वर्ष पुत्री रामानंद को समाचार लिखे जाने तक चढ़ रहा है। डा.अच्युत प्रसाद अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बासंगाव के अनुसार डायरिया के मरीजो की संख्या घट रही है, दो दिनों स्थिति काबू में हो जाएगी। डायरिया के कहर से गांव में दहशत कायम है। लोग कहीं भी खाने-पीने से परहेज कर रहे हैं। वहीं वाटर एटीएम मशीन पर भारी भीड़ लग रही है। मछली, मुर्गा व मीट बेचने पर पाबंदी जारी है।

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