नेपाल में लगातार बारिश से गोरखपुर की नदियों में आया उफान, रोहिणी, राप्ती समेत कई नदियां खतरे के निशान के पार

- नेपाल में लगातार बारिश से गोरखपुर की नदियों में आया उफान।
- रोहिणी, राप्ती समेत कई नदियां खतरे के निशान के पार।
- आपादा प्रभारी ने रैपिड रिस्पांस टीम को स्टैंड बाई पर रखा।
गोरखपुर. नेपाल में हो रही लगातार बारिश के कारण जिले की दो नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। रोहिनी नदी खतरे के निशान से 87 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, तो राप्ती नदी शनिवार तक खतरे के निशान को पार कर सकती है। इसे देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। तटबंधों की निगरानी करने को कहा है। उधर, जलस्तर बढ़ने से बाढ़ से प्रभावित होने वाले इलाकों के लोगों की सांसें अटकी हुई हैं। जिला प्रशासन ने सभी तहसीलों को निर्देश दिए हैं कि सभी बाढ़ चौकियों को 24 घंटे सक्रिय रखा जाए। राजस्व, सिंचाई एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम निरंतर निरीक्षण कर तटबंधों की निगरानी करे।
आपादा प्रभारी ने रैपिड रिस्पांस टीम को स्टैंड बाई पर रखा
आपदा प्रभारी एवं एडीएम फाइनेंस राजेश कुमार सिंह ने बैठक करके बताया कि राप्ती नदी शनिवार को खतरे का निशान पार कर सकती है। यह नदी जिले की छह तहसीलों को प्रभावित करती है। राप्ती की सहायक नदी रोहिन शुक्रवार को खतरे का निशान पार कर गई है। ऐसे में सभी तहसीलों और संबंधित विभाग स्तर पर इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर संचालित करने और उससे लगातार संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसी तरह, स्वास्थ्य, पशु पालन, पंचायती राज एवं लोक निर्माण विभाग की रैपिड रिस्पांस टीम को क्रियाशील रखने और आवश्यकता पड़ने पर समुचित कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया है। एडीएम ने चेताया कि इन कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही हुई तो संबंधित अधिकारी, कर्मचारी के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा-51 से 60 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
ये भी पढ़े : यूपी रोडवेज की साधारण बसों में अब मिलेगी रिजर्वेशन की सुविधा, ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों तरह से करा सकेंगे आरक्षण
श्रावस्ती में राप्ती बैराज से हर रोज छूट रहा 1.9 लाख क्यूसेक पानी
श्रावस्ती में राप्ती नदी के बैराज से प्रतिदिन 1.9 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे वहां राप्ती खतरे के निशान से 1.40 मीटर ऊपर बह रही है। इस पानी के आगे बढ़ने पर जिले में भी बाढ़ के आशंका जताई जा रही है। वहीं, कई दिनों से हो रही बारिश ने सिंचाई विभाग के अभियंताओं की चिंता बढ़ा दी है। चार दिन पूर्व राप्ती खतरे के निशान से तीन मीटर नीचे चली गई थी। अब एक बार फिर इसके खतरे के निशान को पार करने की आशंका है। केंद्रीय जल आयोग की तरफ से इस तरह का संदेश दिया गया है। वहीं, घाघरा नदी खतरे के निशान से काफी नीचे बह रही है। अन्य नदियां भी खतरे के निशान से नीचे हैं।

If You Like This Story, Support NYOOOZ
Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.
अन्य गोरखपुर की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।