गोरखपुर में बना बाढ़ का खतरा, खतरे के निशान से ऊपर बह रही रोहिन नदी ने बढ़ाई चिंता
- गोरखपुर के नदियों का जलस्तर बढ़ा
- खतरे के निशान से ऊपर बह रही है नदियां
- कई गांवों में बाढ़ जैसे बने हालात
गोरखपुर- गोरखपुर जिले की नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। रोहिन नदी खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर बह रही है तो वहीं राप्ती का जलस्तर भी चेतावनी स्तर के करीब पहुंच चुका है। हालांकि, राप्ती नदी का जलस्तर अभी खतरे के निशान से एक मीटर नीचे है। उधर सरयू नदी का पानी भी शुक्रवार को अयोध्या पुल के पास चेतावनी स्तर के करीब पहुंच गया है। माना जा रहा है कि इसका असर यहां भी दिखाई पड़ेगा। 24 से 48 घंटे में जिले में भी जलस्तर में बढ़ोतरी होगी।
रोहिन नदी का पानी बढ़ने से कैंपियरगंज तहसील क्षेत्र के दो गांव चंदीपुर और गुढ़ेली टोला कोमर में रास्ता बाधित हो गया है। तहसील प्रशासन ने वहां नाव की व्यवस्था की है। गांव के लोग सुरक्षित ठिकाने की तलाश में बंधे पर डेरा जमा लिए हैं। सभी नदियों के जलस्तर में इजाफे को देखते हुए प्रशासन ने पूरे जिले में एलर्ट जारी कर दिया है।
सभी 86 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। बाढ़ चौकियों पर जरूरी सामान उपलब्ध कराकर वहां बैनर लगाने और बैनर पर चौकी प्रभारी सहित सभी कर्मियों के नाम, पदनाम व मोबाइल नंबर दर्ज करने को कहा गया है। जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने बताया कि नदियों का जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है। रोहिन नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है, दो स्थानों पर रास्ता बाधित हो जाने की वजह से वहां नाव लगा दी गई है। बाढ़ पीड़ितों के लिए खाद्य सामग्री भी कल जुटा ली जाएगी।
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राप्ती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के साथ ही इलाके में कटान भी तेज हो गई है। नदी के पानी का रुख तटवर्ती गांव की तरफ होने से 24 घंटे में रुदौली, ददरी, गहिराघाट, जगदीशपुर में कई बीघे कृषि योग भूमि नदी में समाहित हो चुकी है, जबकि जगदीशपुर गांवों में लगभग दो दर्जन मकान नदी के निशाने पर हैं। नदी इन मकानों से सट कर बह रही है जिससे ग्रामीणों में दहशत हैं।
नदी की धारा का रुख तेजी से जगदीशपुर गांव की ओर बढ़ रहा है। कटान के भय से ग्रामीण अपने मकानों को उजाड़ने के साथ कीमती सामान सहेजना शुरू कर दिए हैं। उधर, एसडीएम गोला राजेंद्र बहादुर का कहना है कि राप्ती नदी अभी खतरे के निशान से काफी नीचे है। कटान की सूचना नहीं है। ग्रामीणों को घबराने की जरूरत नहीं है। राजस्व कर्मियों को स्थिति का आकलन करने के लिए गांव में भेजा जा रहा है।
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