यूपी बोर्ड 2018: गोरखपुर में व्हाट्सएप से कराते थे पेपर सॉल्व, गैंग गिरफ्तार

संक्षेप:

  • यूपी बोर्ड में जमकर चल रही नकल
  • पुलिस ने नकल माफिया का गैंग किया गिरफ्तार
  • व्हाट्सएप के जरिए कराया जाता था पेपर सॉल्व

गोरखपुर: योगी सरकार और शासन के तमाम दावों के बावजूद यूपी बोर्ड  की परीक्षा में जमकर नकल हो रही हैं। मामला, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर का है, नकल माफिया नकल कराने के लिए हाईटेक तरीका अपना रहे हैं। व्हाट्सएप के जरिए पेपर सॉल्व कराया जा रहा। पुलिस ने नकल कराने वाले गिरोह के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनपर व्हाट्सएप के जरिए प्रश्न-पत्र आउट कर नकल कराने का आरोप है। पुलिस ने इनके पास से बोर्ड परीक्षा की सादा कॉपियों को भी बरामद किया है।

एसपी चारु निगम ने बताया कि गिरफ्त में आए तीन लोगों में उरुवा के राजकली सिंह इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल भारत भूषण सिंह, केंद्र व्यवस्थापक पंकज सिंह और सॉल्वर सुभाष सिंह शामिल हैं। इनके कब्जे से बड़ी मात्रा में उत्तर पुस्तिकाएं और प्रश्नपत्र बरामद हुए हैं। इस रैकेट में शामिल डीडीयू के छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष व बसपा नेता विश्वजीत सिंह, कैलाश सिंह और अखिलेश चौधरी फरार हैं। इस खेल में दो लेखपाल ज्ञानेश्वर यादव और अजय पाठक भी शामिल रहे हैं जबकि डीआईओएस आफिस के भी कुछ कर्मचारी इस खेल में बराबर शामिल रहे।

पुलिस ने इनके खिलाफ धोखाधड़ी, आईटी एक्ट सहित आठ अन्य गंभीर धाराओं में सात नामजद व कई अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि सर्विलांस के माध्यम से जानकारी मिलने पर क्राइम ब्रांच की टीम ने एसपी चारु निगम के नेतृत्व में छापेमारी की। गुरुवार की रात में हरपुर बुदहट में एक नकल माफिया को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए नकल माफिया का उरुवा क्षेत्र में दो विद्यालय बताया जाता है।

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पुलिस के अनुसार, इनकी निशानदेही पर दो और जगहों पर छापेमारी कर दो और लोगों को हिरासत में ले लिया। इनके पास से माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की सादी कॉपियां भी मिली। पुलिस के अनुसार ये लोग व्हाट्सएप के जरिए प्रश्न-पत्र आउट करतेे थे। फिर साल्वर की मदद से सादी कॉपी पर प्रश्नों का हल करवाते थे। कुछ छात्रों की काॅपियां बाहर ही लिखी जाती थी तो कुछ को साल्व कॉपियों को देखकर नकल कराया जाता था। इसकी एवज में एक फिक्स रेट वसूला जाता था।

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