गोरखपुर हादसे को एक महीना पूरा, मौतों का सिलसिला आज भी जारी

संक्षेप:

  • गोरखपुर ट्रेजेडी को एक महीना पूरा 
  • आज भी मासूमों की मौत का सिलसिला जारी
  • नहीं सुधरे बीआरडी मेडिकल के  हालात 

गोरखपुरः गोरखपुर के बीआरडी में ऑक्सीजन की कमी ही मासूम के लिए यमराज साबित हुई। 10 अगस्त और 11 अगस्त को ऑक्सीजन की आपूर्ति ठप होने के बाद हाहाकार मच गया। इस घटना के पूरे एक महीने के बाद भी मेडिकल कालेज इस हादसे से पूरी तरह से उभर नहीं सका है। बालरोग विभाग में डॉक्टर, कर्मचारी, मरीज व तीमारदार सभी दहशत में हैं। घटना के बाद से ही जांच का सिलसिला लगातार जारी है। न्यायिक जांच, पुलिसिया जांच व विभागीय जांच के अलावा मानवाधिकार समेत तमाम संगठनों की जांच चल रही है।

ऑक्सीजन त्रासदी के दौरान बालरोग विभाग में दो दिनों में करीब 30 बच्चों की मौत हुई। जिसके बाद समूचे देश में हड़कंप मच गया। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नढ्डा , सीएम योगी आदित्यनाथ समेत शासन व प्रशासन के आला अधिकारी बीआरडी पहुंच गए। मेडिकल कालेज की खामियों को दुरूस्त करने के लिए कई योजनाएं बनी। बाहर से वार्मर और डॉक्टर भेजे गए। इसके बावजूद बच्चों की मौतों का सिलसिला कम नहीं हुआ।

ऑक्सीजन त्रासदी के बाद शासन हरकत में आया। आनन-फानन में एनआईसीयू के अपग्रेडेशन के लिए सात करोड़ 28 लाख रुपये बीआरडी को दिए गए। वार्ड में फौरी तौर पर इंतजाम सुधारने के लिए 40 नए वार्मर भेजे गए। कॉलेज में मरीजों के सापेक्ष डॉक्टरों की कमी को देखते हुए 19 डॉक्टरों को भी संबद्ध किया गया। इसके अलावा ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई की जिम्मेदारी मोदी गैसेज को दी।

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बीआरडी में किस दिन, क्या हुआ

09 अगस्त- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेडिकल कालेज के दौरे पर पहुंचे

10 अगस्त- सुबह साढ़े नौ बजे ऑपरेटरों ने लिक्विड ऑक्सीजन खत्म होने की लिखित सूचना प्राचार्य कार्यालय को दी, 90 जंबो सिलेंडर लगाए वह भी रात 10.30 बजे खत्म हो गए

11 अगस्त- सुबह दो बार ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हुई, बालरोग विभाग में 30 व मेडिसिन में 18 मरीजों की मौत घटना की सूचना पर डीजीएमई बीआरडी पहुंचे

12 अगस्त- स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और चिकित्सा-शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन कालेज पहुंचे, प्राचार्य डॉ. राजीव मिश्र को किया निलंबित, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर और प्रमोद तिवारी कालेज पहुंचे

13 अगस्त- सीएम योगी आदित्यनाथ और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा पहुंचे, मुख्य सचिव की अगुआई में जांच कराने का एलान

14 अगस्त- मानवाधिकार आयोग ने भेजा नोटिस,डीएम ने शासन को भेजी प्रारंभिक रिपोर्ट

17 अगस्त- राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य रूपा कपूर पहुंची जांच करने

19 अगस्त- राहुल गांधी पहुंचे घटना में मरने वाले बच्चों के परिवारीजनों के घर, पूर्व प्राचार्य की पत्नी डॉ. पूर्णिमा शुक्ला भी निलंबित

20 अगस्त- कमिश्नर की निगरानी में स्थानीय अधिकारियों ने पूरी की जांच, रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपी

 21 अगस्त-मुख्य सचिव ने सीएम को सौंपी रिपोर्ट

22 अगस्त - अपर मुख्य सचिव अनिता भटनागर जैन हटाई गई, घटना के दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का सीएम ने दिया निर्देश

23 अगस्त- लखनऊ के हजरतगंज थाने में डीजीएमई डॉ. केके गुप्ता के तहरीर पर पुष्पा सेल्स के संचालक मनीष भंडारी, पूर्व प्राचार्य डॉ. राजीव मिश्र, उनकी पत्नी डॉ. पूर्णिमा शुक्ला, एनेस्थिसिया के विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार, वार्ड 100 के एनएचएम के नोडल अधिकारी डॉ. कफील , सहायक लेखाकार संजय त्रिपाठी, गजानन जायसवाल, उदय शर्मा और सुधीर पाण्डेय के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, कर्त्तव्य में लापरवाही, भ्रष्टाचार और साजिश रचने का मुकदमा दर्ज

24 अगस्त- इस घटना में आरोपी बनाए गए सहायक लेखाकार सुधीर पाण्डेय, संजय त्रिपाठी, लिक्विड ऑक्सीजन प्रभारी उदय शर्मा, ऑक्सीजन स्टॉक के इंचार्ज गजानन जायसवाल निलंबित

25 अगस्त- एनेस्थिसिया के विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश, वार्ड 100 के नोडल अधिकारी डॉ. कफील को शासन ने किया निलंबित, लखनऊ के हजरतगंज से मुकदमा गोरखपुर ट्रांसफर

26 अगस्त- गुलरिहा थाने में मुकदमा दर्ज, सीओ कैंट बने विवेचक, शुरू की विवेचना,

28 अगस्त- पुलिस ने डॉ. कफील के घर मारा छापा , महिलाओं से की पूछताछ

29 अगस्त- कानपुर में पूर्व प्राचार्य डॉ. राजीव मिश्र और उनकी पत्नी डॉ. पूर्णिमा गिरफ्तार

02 सितंबर- पुलिस ने डॉ. कफील को सहजनवां से किया गिरफ्तार

08 सितंबर- आरोपी क्लर्क सुधीर को पुलिस ने किया गिरफ्तार

10 सितंबर- डीजीएमई डॉ. केके गुप्ता पहुंचे बीआरडी, पुलिस ने की पूछताछ

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