गोरखपुरः सेंट्रलाइज्ड होगा आरटीओ, दलाली होगी खत्म

संक्षेप:

  • आरटीओ में लागू होगी व्यवस्था, बंद होंगे मैनुअल आवेदन
  • वाहन-4 व सारथी-4 साफ्टवेयर से होगा सेंट्रालाइज्ड
  • नई व्यवस्था की तैयारी कर रहा आरटीओ

By: सुशील वर्मा

गोरखपुरः अब आरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर अन्य मामलों में भी होने वाली हेराफेरी पूरी तरह खत्म हो जाएगी. क्योंकि अब डीएल भी बिलकुल पासपोर्ट की तर्ज पर ऑनलाइन आवेदन करना पड़ेगा ही साथ ही वाहनों के रजिस्ट्रेशन, टैक्स, पेनाल्टी आदि में होने वाली गड़बडिय़ां भी अब पूरी खत्म हो जाएगी. इसके लिए एनआईसी की ओर से गोरखपुर सहित प्रदेश के 54 आरटीओ में जल्द `सारथी-4Ó व `वाहन-4Ó सॉफ्टवेयर शुरू किया जा रहा है. जिससे कि अब आरटीओ में लर्निंग लाइसेंस की तरह सबकुछ ऑनलाइन ही आवेदन करना होगा.

बाराबंकी व कानपुर में सफल ट्रायल होने के बाद अब इसे परिवहन विभाग की ओर से सभी जिलों के आरटीओ में शुरू किया जा रहा है. इसके शुरू होने के बाद आरटीओ दफ्तर में मैनुअल आवेदन से लाइसेंस नहीं बनेंगे. उम्मीद है कि इसी महीने गोरखपुर में इन दोनों साफ्टवेयर को शुरू कर दिया जाएगा. दसअसल आरटीओ में लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन की प्रक्रिया तो ऑनलाइन कर दी गई है, लेकिन परमानेंट लाइसेंसों के आवेदन अभी भी मैनुअल भरे जा रहे हैं. ऐसे में लर्निंग और परमानेंट लाइसेंस बनवाने के लिए लोगों को सिर्फ ऑनलाइन फॉर्म भरने का विकल्प मिलेगा.

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एनआईसी ने परिवहन विभाग के लिए जो नया सॉफ्टवेयर तैयार किया है, उसका नाम `सारथी-4Ó रखा है. इससे एक फायदा यह भी होगा कि कोई व्यक्ति पूरे देश में एक से अधिक दूसरा फर्जी लाइसेंस नहीं बनवा सकेगा. इतना ही नहीं इसमें नॉन-कमर्शियल लाइसेंस के साथ ही कमर्शियल वाहनों के लाइसेंस का आवेदन भी ऑनलाइन होगा. इसमें लर्निग और परमानेंट लाइसेंस के लिए अभ्यर्थी को नाम और पूरा पता सहित फोटो भी अपलोड करना होगा. कामर्शियल लाइसेंस के लिए सर्टिफिकेट अपलोड करना होगा.

यह साफ्टवेयर देश के सभी आरटीओ ऑफिस में करेगा. जिससे कि एक नाम व पता से दूसरा आवेदन आने पर उसे चिन्हित कर लेगा. इस साफ्टवेयर के शुरू होने के बाद से परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन भी आनलाइन हो जाएंगे. गोरखपुर संभाग में अभी भी परमानेंट लाइसेंस के लिए खिड़की से ही आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं. हालांकि बीते अगस्त 2016 से लर्निग ड्राइविंग लाइसेंस का आवेदन आनलाइन कर दिया गया है. परिवहन विभाग की पहल पर नेशनल इंफार्मेटिक सेंटर (एनआइसी) ने यह साफ्टवेयर तैयार किया है.

आरटीओ अधिकारियों के मुताबिक अधिकारियों के मुताबिक अभी वाहन-2 नाम के साफ्टवेयर पर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) तैयार किए जा रहे हैं. लेकिन अब डीलर प्वाइंट ही लोगों को आरसी देने के लिए वाहन-4 नाम का नया साफ्टवेयर शुरू किया जाएगा. इस साफ्टवेयर से सभी ऑटो डीलर, ऑटोमोबाइल्स कंपनी व एजेंसी मालिकों को जोड़ा जाएगा. ताकि लोगों को आरसी बनवाने के लिए आरएलए न आना पड़े. नए सॉफ्टवेयर वाहन-4 पर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर व वाहन खरीदने वाले की पूरी जानकारी साफ्टवेयर पर ऑनलाइन अपडेट कर देंगे. इसके बाद डीलर ही रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) बनाने के लिए साफ्टवेयर के जरिए ऑनलाइन आवेदन करेंगे.

रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के लिए डीलर ही आरटीओ को भुगतान करेंगे. इसके बाद आरटीओ रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट बनाकर लोगों को पोस्ट के जरिए घर पहुंचा देगा. अधिकारियों के मुताबिक आरटीओ नए साफ्टवेयर वाहन-4 पर ऑटो डीलर व एजेंसी मालिकों को गाडिय़ों की एक्स शो रूम प्राइस और गाडिय़ों पर दिए जाने वाले डिस्काउंट के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी. ताकि टैक्स में किसी प्रकार की हेराफेरी को रोका जा सके.

अधिकारियों ने बताया कि अकसर गाडिय़ों पर डिस्काउंट देकर डीलर व एजेंसी मालिक टैक्स में हेराफेरी करते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा.  आरटीओ एनफोर्समेंट डीडी मिश्रा ने बताया कि गोरखपुर, महाराजगंज व कुशीनगर में इन दोनों साफ्टवेयर के लिए काम शुरू हो गया है. काम पूरा करते ही गोरखपुर संभाग के तीन जिलों में साफ्टवेयर काम करने लगेगा. इसके शुरू हो जाने से पब्लिक को काफी सहुलियत होगी और काम भी काफी आसान हो जाएगा.

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