अपने जन्मदिन पर गोरखपुर जेल में थे पंडित नेहरू, जानें-ऐसा क्‍या था कारण

संक्षेप:

  • यह बहुत कम लोगों को पता है कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू सन 1940 में अपने जन्मदिन यानी 14 नवंबर को गोरखपुर जेल में बंद थे.
  • उन्हें 31 अक्टूबर 1940 से 16 नवंबर 1940 तक गोरखपुर जेल में रखा गया था.
  • तीन नवंबर को ईडी मॉस ने गोरखपुर जेल में पं. नेहरू का ट्रायल किया और चार साल सश्रम कारावास की सजा हुई. 

गोरखपुर: यह बहुत कम लोगों को पता है कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू सन 1940 में अपने जन्मदिन यानी 14 नवंबर को गोरखपुर जेल में बंद थे। जेल में बंद होने का कारण भी था।

तीन स्‍थानों पर किया था संबोधित

उसी साल यानि 1940 में ही छह व सात अक्टूबर को तीन स्थानों पर उन्होंने किसानों व आम जनता को संबोधित किया था। उन्होंने महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत की आजादी के लिए उठ खड़े होने का आह्वान किया था।

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गोरखपुर के लालडिग्‍गी पार्क में थी सभा

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व महामंत्री डॉ. सैयद जमाल ने बताया कि पं. नेहरू ने लालडिग्गी पार्क सहित तीन स्थानों पर लोगों को संबोधित किया। पं. नेहरू सात नवंबर 1940 से सत्याग्रह प्रारंभ करने वाले थे और उसी के व्यापक जनजागरण के सिलसिले में दौरा कर रहे थे।

17 दिनों तक रहे जेल में

उन्हें 31 अक्टूबर 1940 से 16 नवंबर 1940 तक गोरखपुर जेल में रखा गया था। तीन नवंबर को ईडी मॉस ने गोरखपुर जेल में पं. नेहरू का ट्रायल किया और चार साल सश्रम कारावास की सजा हुई। डॉ. जमाल ने बताया कि 17 दिन गोरखपुर जेल में रखने के बाद उन्हें देहरादून जेल स्थानांतरित कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि किसानों, मजदूरों, युवाओं, महिलाओं, वंचितों, दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, गरीबों और समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए पंडित नेहरू ने अपनी दूरदृष्टि से एक महान कल्याणकारी मसीहा की भूमिका निभाई।

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