गोरखपुर खाद कारखाना : उत्पादन से पहले ही किसानों को बेची जानें लगेगी खाद

संक्षेप:

  • हिन्‍दुस्‍तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) का खाद कारखाना भले ही फरवरी 2021 में शुरू करने का लक्ष्य है लेकिन पूर्वांचल के किसानों को अगले साल से ही खाद मिलने लगेगी.
  • गोरखपुर के खाद कारखाना की उत्पादन क्षमता 3850 मिट्रिक टन प्रति दिन की होगी.
  • यह खाद देश के अन्य खाद कारखानों से मंगा कर बेची जाएगी.

गोरखपुर: हिन्‍दुस्‍तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) का खाद कारखाना भले ही फरवरी 2021 में शुरू करने का लक्ष्य है लेकिन पूर्वांचल के किसानों को अगले साल से ही खाद मिलने लगेगी। यह खाद देश के अन्य खाद कारखानों से मंगा कर बेची जाएगी। इसे खाद कारखाना के मार्केटिंग को पहले से ही मजबूत बनाने के कदम के रूप में देखा जा रहा है।

3850 मिट्रिक टन प्रतिदिन की होगी क्षमता

गोरखपुर के खाद कारखाना की उत्पादन क्षमता 3850 मिट्रिक टन प्रति दिन की होगी। खाद कारखाना के निर्माण की जिम्मेदारी पांच कंपनियों-एनटीपीसी, सीआइएल, आइओसीएल, एफसीआइएल व एचएफसीएल के ज्वाइंट वेंचर एचयूआरएल (हिदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड) को सौंपी गई है।

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जीएसएफसीएल के एमडी ने देखी व्यवस्था

गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर एंड केमिकल लिमिटेड (जीएसएफसीएल) के एमडी सुजीत गुलाटी गुजरात कैडर के आइएएस अफसर हैं। मंगलवार को एचयूआरएल के एमडी एके गुप्ता के साथ वह भी खाद कारखाना पहुंचे थे। माना जा रहा है कि सुजीत गुलाटी खाद की मार्केटिंग को समझने के लिए गोरखपुर आए थे।

ऐसे बनेगी यूरिया

खाद कारखाना में पहले यूरिया का घोल तैयार किया जाएगा। इसे प्रीलिंग टॉवर में ऊपर से एक मशीन के जरिये डाला जाएगा। ऊपर से घोल नीचे की तरफ आएगा और नीचे हवा ऊपर जाएगी। हवा के रीएक्शन से घोल यूरिया दाने के रूप में तब्दील होकर नीचे गिरेगा। गोरखपुर में बनने वाली यूरिया नीम कोटेड होगी।

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