गोरखपुर सदर के सांसद प्रवीण निषाद ने अपनाया बौद्ध धर्म

संक्षेप:

  • सांसद प्रवीण निषाद ने सपरिवार बौद्ध धर्म अपना लिया
  • कुशीनगर के पूज्य भन्ते भन्ते उत्तरानन्द से स्वेच्छा से ग्रहण किया धम्म
  • बीजेपी को उपचुनाव में दी थी करारी शिकस्त

गोरखपुर: उत्तरप्रदेश की गोरखपुर लोकसभा सीट से नवनिर्वाचित सांसद प्रवीण निषाद ने सपरिवार हिन्दू धर्म छोड़ कर बौद्ध धर्म अपना लिया है. बता दें गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा के हारने के बाद से आरएसएस और भाजपा के लोगो ने यह बात बोलना शुरू कर दिया था, कि यह हार सिर्फ भाजपा की ही नहीं बल्कि सारे हिन्दूओं की हार है.

भाजपा और आरएसएस की इस बात से यह स्पष्ट होता है कि पिछडी जाति के लोग हिन्दू नहीं हैं. इन्हीं सब बातो से आहत होकर गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव जीतकर संसद पहुचने वाले नवनिर्वाचित सासंद प्रवीण निषाद ने कुशीनगर के पूज्य भन्ते भन्ते उत्तरानन्द से स्वेच्छा से अपने पिता डा. संजय निषाद के साथ सपरिवार बौद्ध धम्म ग्रहण कर लिया.

बताते चलें कि सांसद प्रवीण कुमार का ये कोई पहला मामला नही है. आरएसएस बजरंग दल के लोगों की कार्यशैली से परेशान होकर बहुत से लोगो ने हिंदू धर्म को त्यागा है. वही बात अगर भाजपा की की जाए तो इनकी नीति भी लोगों को कम ही भाती है.

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खास कर के पिछड़ी जाती के लोगों को इसी को लेकर कई बार लोगों ने इस्लाम धर्म या बौद्ध धर्म को अपनाया है. कई बार तो ऐसा हुआ है कि पूरे पूरे गांव ने हिंदू धर्म छोड़ने की धमकी दी है जिसका वीडियो युट्यूब पर मौजूद है.

प्रवीण कुमार समाजवादी पार्टी के गोरखपुर सीट से लोकसभा प्रत्याशी थे. यहां बीएसपी ने सपा उम्मीदवार को समर्थन देकर योगी के गढ़ को एक ही झटके में छीन लिया. यहां नब्बे के दशक से बीजेपी का कब्जा रहा है लेकिन जैसे ही दलित पिछड़ों ने एकजुट होकर वोट किया बीजेपी का गढ़ छिन गया. आने वाले समय में भी यह गठबंधन बीजेपी की मुश्किलें बढ़ाने का काम करेगा.

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