गोरखपुर टेटर फंडिंग: पिता से छिपाकर खोला था रमेश शाह ने ‘सत्यम मार्ट’

संक्षेप:

  • गोरखपुर टेटर फंडिंग का मास्टरमाइंड  रमेश शाह गिरफ्तार
  • सात महीने पहले सत्‍यम मार्ट नाम से सुपर मार्केट खोला था
  • फरार होने के बाद किया गया सत्यम मार्ट बंद

गोरखपुर: गोरखपुर टेटर फंडिंग का मास्टरमाइंड आखिरकार पुणे से रमेश शाह एटीएस के हत्‍थे चढ़ ही गया। एटीएस ने उसे पुणे से गिरफ्तार किया। इसके पहले 10 आरोपियों को पहले ही टेरर फंडिंग के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। गोरखपुर के अलग-अलग इलाकों से यूपी एटीएस ने 10 लोगों को 24 मार्च को गिरफ्तार किया था। लेकिन, इसके पहले 6 मार्च को ही शक होने पर रमेश शाह ने शहर छोड़ दिया था। एक साल पहले उसने शहर के असुरन चौक के आगे मेडिकल रोड पर सत्‍यम मार्ट खोला था।

रमेश शाह ने इस मार्ट में डेढ़ करोड़ रुपए लगाए थे। सबसे बड़ा सवाल यही था कि आखिर मोहद्दीपुर चार फाटक पर सालों से सब्‍जी की दुकान लगाने वाले हरिशंकर के बेटे रमेश शाह के पास इतने रुपए कहां से आ गए कि वो सत्यम मार्ट का मालिक बन बैठा। बताया जा रहा है कि बिहार के गोपालगंज के रहने वाले हरिशंकर अपनी पत्‍नी सुशीला के साथ 30 साल पहले गोरखपुर आए। उनके परिवार में बड़े बेटे रमेश शाह के अलावा एक छोटा बेटा और तीन बे‍टियां हैं। दो बेटियों की वे शादी कर चुके हैं।

मोहद्दीपुर चारफाटक ओवरब्रिज के नीचे बरसों से सब्‍जी की दुकान चलाने वाले हरिशंकर की दुकान ठीक-ठाक चलती है। परिवार का भरण-पोषण ठीक से हो जाता है। पुलिस ने उन्‍हें भी इस मामले में उठाया था। उनसे उस समय चार दिन तक शाहपुर थाने में रखकर पूछताछ की गई थी। पुलिस ने उनका पहचान पत्र, आधारकार्ड और मोबाइल भी अपने पास रख लिया था। पुलिस उनसे बस यही पूछती रही कि उनके बेटे रमेश शाह के पास इतने रुपए कहां से आए कि उसने मार्ट खोल लिया।

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


बताते चलें कि हरिशंकर के बड़े बेटे रमेश शाह ने सात महीने पहले मेडिकल कालेज रोड पर सत्‍यम मार्ट नाम से सुपर मार्केट खोला था। रमेश शाह ने दो शादियां की हैं। पहली पत्‍नी से उसे दो बच्‍चे भी हैं। हालांकि वो पहली पत्‍नी और बच्‍चों को किराए पर लिए गए मकान में रखता है। जहां से एटीएस ने बिहार के गोपालगंज के रहने वाले मुकेश को गिरफ्तार किया था। दूसरी पत्‍नी उसके मां-बाप के घर पर रहती रही है। हरिशंकर और उनकी पत्‍नी सुशीला के मुताबिक, रमेश 6 मार्च को दिल्‍ली में साली की शादी में शामिल होने की बात कहकर निकला और उसके बाद से उसका उनसे कोई संपर्क नहीं था।

हरिशंकर ने बताया कि वो जब भी बाहर काम पर जाता है तो 15 से 20 दिन तक उससे कोई संपर्क नहीं रहता है। इसी वजह से उस समय उन्‍होंने गुमशुदगी भी दर्ज नहीं कराई थी। उन्‍होंने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि पत्‍नी सुशीला ने बेटे को 10 लाख रुपए मॉर्ट खोलने के लिए दिए थे। उसके अलावा उसने प्रापर्टी डीलिंग और कंपनी में काम करने के दौरान पैसा जमा किया था। हरिशंकर को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं है था कि उनका बेटा किसी भी गलत काम में शामिल होगा। रमेश शाह की मां सुशीला देवी बताया कि उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वे घर बनवा सकें। इसलिए टीनशेट का कच्‍चा मकान बनाकर ही रहते हैं।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

अन्य गोरखपुर की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles