गोरखपुर-नरकटियागंज पैसेंजर ट्रेन की लेटलतीफी, यात्री परेशान

संक्षेप:

  • 150 किमी की दूरी तय करने में ट्रेनों को लग जा रहे दस से 12 घंटे
  • पैसेंजर ट्रेनों को रोककर चलाई जा रहीं एक्सप्रेस और मालगाड़ी
  •  स्थानीय यात्री समेत लोको पायलट और गार्ड भी हो रहे परेशान

गोरखपुर: नंबर 55042 वाली गोरखपुर-नरकटियागंज पैसेंजर ट्रेन 21 फरवरी को अपने तय समय रात 2.04 की जगह सुबह में 3.40 बजे रवाना हुई। यह ट्रेन रास्ते में रुकते हुए दोपहर 12.35 बजे के आसपास नरकटियागंज पहुंची। इस ट्रेन को पकड़ने के लिए यात्री 10 से 12 बजे रात में ही स्टेशन पर पहुंच गए थे। गोरखपुर से नरकटियागंज पहुंचने में ही 12 घंटे लग गए।

वहीं, 55041 नंबर की पैसेंजर ट्रेन तय समय रात 1.50 की जगह 2.30 पर रवाना हुई। जिसके बाद ट्रेन कप्तानगंज स्टेशन पर आकर लगभग दो घंटे खड़ी रही। फिर आगे बढ़ी तो कैंट में आकर लगभग एक घंटे रुकी। सुबह 6.05 की जगह दोपहर 12.45 बजे गोरखपुर जंक्शन पहुंची। जिससे यात्रियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

गोरखपुर-नरकटियागंज रूट पर समय की गड़बड़ी के चलते पैसेंजर ट्रेनों को रोककर एक्सप्रेस और मालगाड़ियां चलाई जा रही हैं। स्थानीय यात्री ही नहीं लोको पायलट और गार्ड भी परेशान हो रहे हैं। गोरखपुर-नरकटियागंज रेल मार्ग पर ट्रेनों का समय पालन सही नहीं हो पा रहा। गौरतलब है कि नरकटियागंज-गोरखपुर रूट पर चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों से बिहार और यूपी-बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र से रोजाना बड़ी संख्या में लोग गोरखपुर आते हैं, लेकिन ट्रेनों की लेटलतीफी के चलते वे परेशान हैं।

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इसके अलावा, ट्रेनों की लेटलतीफी के चलते लोको पायलट और गार्डो को भी अतिरिक्त कार्य करना पड़ रहा है। उन्हें भी इस रूट पर आठ की जगह 10 से 12 घंटे ड्यूटी निभानी पड़ रही है। ऐसे में उनका रेस्ट प्रभावित हो रहा है। एक दिन पहले ही पंजाब के बरनाला में दो दिन से मालगाड़ी चला रहा लोको पायलट रास्ते ही ट्रेन को खड़ा कर उतर गया। आल इंडिया गार्ड काउंसिल एसोसिएशन के वाराणसी मंडल अध्यक्ष जेबीएस त्रिपाठी कहते हैं कि यह संरक्षा के साथ खिलवाड़ है। रेलवे प्रशासन को इसपर विचार करना होगा।

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