तीज व्रत में इस मंत्र का करें जाप, भगवान शिव होते हैं खुश

संक्षेप:

  • आज देश में हरियाली तीज का पर्व मनाया जा रहा है
  • तीज का पर्व सुहागन स्त्रियों के बेहद खास
  • नीचे पढ़े- हरियाली तीज व्रत का मुहूर्त

आज देश में हरियाली तीज का पर्व मनाया जा रहा है। यह त्योहार हर बार सावन के महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया की तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार पंजाब और उत्तर प्रदेश की महिलाओं के लिए खास महत्व रखता है। ऐसी मान्यता है आज के दिन भगवान शिव देवी पार्वती की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। शिव जी के वरदान से देवी पार्वती के मन में इतना खुशी छाई वह खुशी से झूम उठीं तब से हर सावन महीने की शुक्ल तृतीया को हरियाली तीज के नाम से जाना जाता है।

हरियाली तीज व्रत का मुहूर्त-

हरियाली तीज तिथि आरंभ : सुबह 8:38 बजे (13 अगस्त 2018) से

ये भी पढ़े : श्रीकेदारनाथ के कपाटोद्घाटन की तिथि व समय हुई तय, 6 मई को सुबह ठीक इतने बजे खुलेंगे कपाट


हरियाली तीज तिथि समाप्त : सुबह 5:46 बजे (14 अगस्त 2018) तक

मंत्र -

गण गौरी शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया

मां कुरु कल्याणी कांत कांता सुदुर्लभाम

कैसे मनाते हैं तीज

  • हरियाली तीज पर विवाहिताएं व्रत रखकर अपने पति की लंबी आयु के लिए माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।
  • इस दिन सुहागिन महिलाओं द्वारा मेहंदी रचाने और परिवार की बुजुर्ग महिलाओं से आशीर्वाद लेने की परंपरा है। नवविवाहिताएं पहले सावन में मायके आकर हरियाली तीज का उत्सव मनाती हैं।
  • हरियाली तीज का नियम है कि क्रोध को मन में नहीं आने दें। इस दिन विवाहित महिलाओं को अपने मायके से आए वस्त्र ही धारण करने चाहिए, साथ ही शृंगार में भी वहीं से आई वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए। माना जाता है कि जो कुंवारी कन्याएं इस व्रत को रखती हैं तो उनके व‌िवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
  • इस दिन अपने होने वाली पति या पति की लंबी आयु के लिए निर्जला ( बिना पानी के) व्रत रखें। व्रत के दौरान पूरे 16 श्रृंगार करके भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करें। हाथों में नई चूड़ियां, मेहंदी और पैरों में अल्ता लगाएं।
  • जो स्त्रियां इस दिन व्रत रखती हैं, उन्हें भगवान शिव की पूजा करने के बाद ही व्रत खोलना चाहिए। इस बार हरियाली तीज बुधवार को है, इसलिए पूजा-पाठ के बाद लड्डू का भोग जरूर लगाएं, क्योंकि लड्डू भगवान गणेश को बहुत पसंद हैं।
  • यह त्योहार वैसे तो तीन दिन मनाया जाता है लेकिन समय की कमी की वजह से लोग इसे एक ही दिन मनाने लगे हैं।

पूजा विधि

  • सबसे पहले महिलाएं किसी बगीचे या मंदिर में एकत्रित होकर मां पार्वती की प्रतिमा को रेशमी वस्त्र और गहने से सजाएं।
  • अर्धगोले का आकार बनाकर मां की मूर्ति बीच में रखें और मां की पूजा अर्चना करती हैं। सभी महिलाओं में से एक महिला कथा सुनाती है, बाकी कथा को ध्यान से सुन, ध्यान करती हैं और पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
  • इस दिन सुहागिन महिलाएं अपनी सास के पांव छूकर उन्हें सुहागी देती हैं। सास न हो तो जेठानी या घर की बुजुर्ग महिला को देती हैं। इस दिन निम्न मंत्र का जाप करना अति फलदायक होता है।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

अन्य गोरखपुर की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।