गोरखपुर में इंसेफेलाइटिस मरीजों के लिए शुरू की गई हेल्प डेस्क, नहीं भटकेंगे मरीज

संक्षेप:

  • सीएम योगी के शहर में अनोखी पहल
  • मरीजों के लिए शुरू की गई हेल्प डेस्क
  •  इंसेफेलाइटिस को उखाड़ फेंकने में मिलेगी कामयाबी

गोरखपुर: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में एक अनोखी पहल की गई है. शहर के जिला जज ने इंसेफेलाइटिस के मरीजों के लिए हेल्प डेस्क का शुभारंभ किया है. इस डेस्क की मदद से इंसेफेलाइटिस को जड़ से उखाड़ फेंकने में कामयाबी मिलेगी.

गोरखपुर में अभी कुछ दिनों पहले आए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में कहा कि पेशेंट आर्डिट फार्मूले के कारण मौत और भर्ती की संख्या में गिरावट आई है. सीएम के इस पहल को लेकर वहां के लोग काफी खुश हैं.

सीएम के इस कार्यक्रम के बाद अब गोरखपुर के जिला जज विनोद कुमार श्रीवास्तव और विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव नुसरत खान ने इंसेफेलाइटिस मरीजों के लिए खुली हेल्प डेस्क की शुरुआत की है.

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शहर में अब कोई भी मरीज भटकने को मजबूर नहीं होगा. जज ने फीता काट कर इसका शुभारंभ किया. जिला जज विनोद कुमार श्रीवास्तव की मानें तो इस मसले को हर व्यक्ति को अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझ कर करना है. इसी को लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की तरफ से कुछ वॉलेंटियर यहां पर रखे गए हैं. ये इंसेफेलाइटिस के मरीजों को जो भी सुविधा और सहयोग प्रधान कर सकते हैं वह करेंगे.

विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव नुसरत खान की माने तो ये विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन समाज के निचले तबके के लोगों के लिए है, जब वह यहां आते हैं तो उन्हें सही इलाज नहीं मिल पाता है. एसे मरीजों के लिए इलाज मुहैया कराया जाएगा. इसके साथ ही उनके साथ आने वाले तीमारदारों को खाने की पूरी व्यवस्था निशुल्क कराई जाएगी और इस अभियान में लोगों को लगातार मदद मिलती रहेगी.

मरीजों और उनके तीमारदारों की सहायता के लिए हेल्प डेस्क का उद्घाटन किया गया है. यह हेल्प डेस्क 24 घंटे काम करेगी और अलग-अलग शिफ्ट में दो-दो रोगी मित्र की वहां ड्यूटी लगेगी. हेल्प डेस्क का काम पेशेंट के आते ही उनसे पूछना पर्ची बनवाना जांच और दवा उपलब्ध करान होगा. साथ ही डॉ वीके श्रीवास्तव को डेस्क का प्रभारी बनाया गया है और यह मुहिम उन मासूमों और उनके तीमारदारों के लिए है, जो एक आस लेकर यहां आते है.

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