गोरखपुर का ऐतिहासिक घंटाघर हुआ भगवा

संक्षेप:

  • भगवा रंग में रंगा गया घंटघर
  • नगर निगन के अधिकारियों ने चुना रंग
  • रंग बदलने में 57,000 से ज्यादा की लागत

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर का ऐतिहासिक घंटाघर अब भगवा रंग में रंगा जा चुका रहा है। प्रदेश में बीजेपी की सरकार आने के बाद परिवाहन विभाग की बसें,  बिजली के खंभे, मंत्रियों के आवास और मुख्यमंत्री कार्यालय को भगवा रंग में रंगा जा चुका है। गोरखपुर में शहीद पंड. राम प्रसाद बिसमिल, सेठ राम खेलावन और ठाकुर प्रसाद की याद में यह घंटाघर 1930 में बनाया गया था। इसे चार साल पहले पीले रंग में रंगा गया था। अब इसे भगवा रंग में रंगा गया है।

अपर नगर आयुक्त डीके सिन्हा ने बताया कि घंटाघर को भगवा रंग में रंगने का कोई आदेश नहीं आया है। नगर निगम के अधिकारियों ने ऐसे ही अचानक से यह रंग चुन लिया। गोरखपुर में यह घंटाघर ऊर्दू बाजार की जामा मस्जिद के बगल में है। नगर निगम के सूत्रों की मानें तो घंटाघर के रंग को बदलने में 57,000 से ज्यादा रुपये खर्च किए जा रहे हैं। 20 फीट लंबे इस घंटाघर को रंगने के लिए 6 मजदूर लगाए गए हैं।

इंटैक गोरखपुर की तरफ से बताया गया कि घंटाघर ऐतिहासिक है। 29 अगस्त 1859 को इसी जगह पर शहीद अली हसन सहित कई शहीदों को यहां फांसी पर लटकाया गया था। बिसमिल के अंतिम संस्कार से पहले उनका शरीर इसी घंटाघर के सामने रखा गया था। हालांकि स्थानीय लोग भगवा रंग में घंटाघर को रंगे जाने से खुश हैं। 

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