गोरखपुर में चल रहा दुर्लभ जानवरों के अंगों का अवैध कारोबार

  • Wednesday | 13th September, 2017
  • crime
संक्षेप:

  • गोरखपुर में बढ़ी शेर के नाखून और कस्तूरी की डिमांड
  • साहबगंज स्थित पूजा सामग्रियों की दुकानों पर हो रही बिक्री
  • आस्था के नाम पर नाखून व कस्तूरी की मिल रही मुंह मांगी कीमत

रिपोर्ट : सुनील वर्मा

गोरखपुर। इन दिनों गोरखपुर में पूजन से लेकर टोने-टोटके और अंधविश्वास से जुड़ी चीजों का गोरखधंधा जोरों पर चल रहा है।  इसके लिए यहां इससे जुड़ी वैध-अवैध सामानों का भी बाजार सजने लगा है। जहां ऐसी विचित्र चीजें खुलेआम बेची जा रही हैं। इनमें शेर के नाखून से लेकर कस्तूरी और जानवरों की खाल आदि चीजों का कारोबार इन दिनों शहर में तेजी से फैल रहा है। हैरानी वाली बात तो यह है कि आस्था और अंधविश्वास के नाम पर लोग इन चीजों की मुंह मांगी कीमत भी दे रहे हैं लेकिन पुलिस से लेकर वन विभाग तक इसके लिए मौन साधे हुए है। इसका खुलासा हुआ है NYOOOZ  की पड़ताल में । आइए आपको बताते हैं कि इन चीजों का करोबार कहां और कैसे हो रहा है।

 

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भगवान जाने असली है या नकली
ऐसे तो इन सामग्री के खरीदार वे लोग ही होते है जो इनके बारे में जानकारी रखते हैं। यह बात और है कि इस सामग्री को खरीदकर उपयोग करने से आज तक किसे और कितना फायदा हुआ यह किसी को भी नहीं पता। इसके बावजूद लोग ऐसी दुर्लभ चीज़ों को खरीदते हैं। फिलहाल बाजार में टोने टोटके आदि से जुड़ी जो सामग्री बेची जा रही है। वह वन्य प्राणियों से संबंधित उत्पाद और अंग हैं लेकिन गौर करने वाली बात यह भी है कि ये असली हैं या नकली इसकी पहचान का भी आम लोगों के पास कोई पैमाना नहीं है।

वहीं जब हमारी टीम इसकी पड़ताल करने शहर में निकली तो पता चला कि इसके लिए साबहगंज किराना मंडी स्थित पूजन साम्रगी की दुकानों सहित गीता प्रेस रोड व सिटी के अन्य जगहों पर इन चीजों की करीब दर्जनों दुकानें हैं। जहां शेर का नाखुन, सियार सिंगी, बिल्ली की जेट, हत्था जोड़ी जैसे सामानों की खुलेआम खरीद-फरोख्त हो रही है। इसके अलावा इन दुकानों पर जटाशंकरी, समुद्री कौड़ी, रुद्राक्ष, पुराने सिक्के और पुराने नोट और स्फटिक आदि की मालाएं भी बिकने आ रहीं हैं।  इस पेशे से जुड़े जानकारों के मुताबिक इसके लिए काफी बड़े पैमाने पर नेपाल, बिहार, मध्य प्रदेश व पश्चिमी बंगाल क जंगलों से जानवरों का शिकार कर तस्करी कर यह चीजें यहां आ रहीं है।

गले में पहनते हैं शेर का नाखून
जानकारों के मुताबिक शेर के नाखून को लॉकेट रूप में गले में पहना जाता है। यह दुर्गा शक्ति का प्रतीक माना गया है। साथ ही ऐसा माना जाता है कि इसे घर या ऑफिस में स्थित पूजा के स्थान पर रखना भी शुभ माना जाता है। इसके अलावा मृग कस्तूरी के लिए ऐसी मान्यता है कि यह लक्ष्मी का प्रतिक है। इसे पूजा के स्थान और घर की आलमारी या तिजोरी में रखने से लक्ष्मी का वास होता है। वहीं जादू-टोटके की किताबों आदि में इन चीजों का खास महत्व बताया जाता है।

इसमें सबसे बड़ी खास बात यह है कि इनके भाव भी चूंकि दुकानदार अपनी मर्जी से तय करते हैं। इसलिए निर्धारित सामग्री का कोई रेट तय नहीं है। फिलहाल यह चीजें आपको साबहगंज स्थित पूजन की दुकानों पर 200 से लेकर 10 हजार हजार तक में मिल रही हैं। इसके अलावा कस्टमर और उसकी जरूरत को देख दुकानदार मौके पर ही इसका रेट निर्धारित करते हैं। हालांकि इसे लेकर यहां के दुकानदार भी पूरी तरह अलर्ट हैं। यह चीजें फिलहाल सबको नहीं देते, सिर्फ उन्हीं को देते हैं, जिन्हें दुकानदार बकायदा पहचाते हैं या फिर उनकी बातचीत से पूरा विश्वास हो जाता है।

नकली सामनों का चल रहा बड़ा खेल
इतना ही नहीं इसके जानकारों के मुताबिक इन चीजों में असली से बड़ा खेल नकली सामनों का है। जानकार बताते हैं कि मार्केट में मिलने वाले जानवरों के अंग आदि हूबहू नकली बनाकर बेचे जा रहे हैं। जिसकी पहचान करना आसानी से संभव नहीं। इसके साथ ही जानकार बताते हैं कि दुर्लभ जानवरों के असली अंग बेशकमीती होते हैं। इसकी सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल मार्केट में भी बड़ी डिमांड है और इनके लोग लाखों रुपए देने को तैयार रहते हैं।

क्या कहते हैं जानकर और जिम्मेदार
वहीं इस बारे में जब तंत्राचार्य संकटा चरण पांडेय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि तंत्र विद्या में ऐसी चीजों का इस्तेमाल तो जरूर होता है लेकिन आज के समय में ऐसी दुर्लभ चीज़े मिल पाना जल्दी संभव नहीं होता। यही वहज है कि इसके नाम पर लोग मुँह मांगी कीमत भी दे देते हैं लेकिन इसके बाद भी इसकी कोई गारंटी नहीं होती कि वह समान असली ही है.

विभिन्न जगहों पर ऐसी नकली चीज़े भी काफी कम दाम पर बिकती हैं और लोग आस्था के नाम पर खरीद भी लेते हैं। वहीं इस पर एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने कहा कि ऐसे तो ये वन विभाग का काम है। बावजूद इसके अगर शहर में ऐसी चीजें पकड़ी जाती हैं तो उनपर पुलिस सख्त करवाई करेगी। जबकि फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के डीएफओ एनके जानू ने कहा कि फिलहाल इस तरह की चीजें संज्ञान में नहीं हैं लेकिन अगर ऐसा हो रहा है तो यह बेहद गंभीर विषय है। इसके लिए टीम लगाकर इसकी जांच कराई जाएगी और अगर ऐसी चीज़ें मार्केट में बिकती मिली तो उनपर सख्त करवाई की जाएगी।

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