गोरखपुर: पढ़ाने के बजाय टीचर बनवा रही छात्राओं से मिड-डे-मील

संक्षेप:

  • कई महीनों से बच्चों से बनवाया जा रहा मिड-डे-मील
  • गंदा पानी पीने को मजबूर है स्कूली छात्राएं  
  • बच्चों से धुलवाये जा रहे बर्तन

गोरखपुर: एक तरफ सरकार पढ़े बेटियां, बढ़ें बेटियां की तमाम योजना चला रही है, वहीं दूसरी तरफ स्कूलों में लड़कियों से मिड डे मील का खाना बनवाया जा रहा है। मामला गोरखपुर के पादरी बजार क्षेत्र के प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय का है। जहां जंगल सालिकराम में बच्चों से मिड डे मील भोजन के लिए आटा गुथवाया जा रहा है। इसके बाद बच्चों से ही खाना बनाने के लिए सब्जी काटने के लिए भी कहा जाता है।

200 बच्चों के खाना बनाने की जिम्मेदारी रसोइयों के रहते हुए बच्चों पर थोप दी गई है। बच्चे खाना बनाने के लिए बाल्टी में पानी भरकर ले जाते हुए नजर आए पूरे भोजन की जिम्मेदारी बच्चों पर दी गई। साथ ही भोजन करने के बाद उनसे बर्तन भी धुलवाया जाता है। दरअसल, जंगल सालिकराम प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय एक ही कैंपस में चलता है जहां दोनों विद्यालयों का भोजन एक ही जगह बनता है ऐसे में प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों से आए दिन खाना बनवाया जाता है।

आपतो बता दें कि बच्चे शिक्षक व शिक्षिकाओं के डर से काम करने से मना नहीं करते है। प्राथमिक विद्यालय में लगे 2 हैंडपंप भी पूरी तरह खराब है जिससे दूषित पानी निकलता है बच्चों ने कई बार इसकी शिकायत प्रधानाचार्य से की लेकिन हालत जस की तस है बच्चे यही दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। माध्यमिक विद्यालय जंगल सालिकराम की क्लास आठ में पढ़ने वाली पूजा पानी भरते हुए पाई गई ,जबकि इसी विद्यालय के क्लास 7 में पढ़ने वाली बिंदु की तस्वीर आटा गूंथते हुए कैमरे में कैद हो गई। फिर भी शासन और प्रशासन आंखें बंद कर बैठा है। ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसे ही कैसे पढ़ेंगी और बढेंगी बेटियां, जिनकी कोई सुध लेने वाला भी नहीं है।

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