गोरखपुर में नए सांसद प्रवीण निषाद का हुआ जोरदार स्वागत

संक्षेप:

  • गोरखपुर पहुंचे नए सांसद प्रवीण निषाद
  • कार्यकर्ताओं ने किया जोरदार स्वागत
  • गोरखनाथ मंदिर में करी पूजा-अर्चना

लोकसभा उपचुनाव में गोरखपुर सदर पर 29 साल से भाजपा का कब्जा हटाकर सपा-बसपा निषाद पार्टी और पीस पार्टी से गठबंधन कर नवनिर्वाचित सांसद प्रवीण निषाद आज गोरखपुर में पधारे है। जहां उनका कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। हलाकि उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ शहर में यात्रा निकालकर गोरखपुर शहर के गोलघर गोरखनाथ मंदिर पर जाकर पूजा अर्चना की। वहीं उनका कहना है कि जनता हमें चुनाव जिताकर संसद भवन तक पहुंचाया है तो मैं उस जनता का सभी काम कराएंगे।

निषाद पार्टी गोरखपुर उपचुनाव में बीजेपी की हार का या यूं कहें की योगी की हार का सबसे बड़ा फैक्टर बनकर उभरी है? निषादों के मन में जो कसक एक लम्बे समय से थी कि सबसे बड़ा वोट बैंक होने के बावजूद भी उनकी बिरादरी का कोई प्रत्याशी जीत नहीं पा रहा था। इस कसक को निषादों ने प्रवीण निषाद को सांसद बनाकर पूरी कर ली। बता दें कि इसके पहले भी चुनावों में अगर किसी ने योगी केा कड़ी टक्‍कर दी तो वो निषाद विरादरी से आने वाले जमुना निषाद ही थे।

1998, 1999 और 2004 का लोकसभा चुनाव जमुना प्रसाद निषाद लड़े, मगर हार गए। वहीं इस बार जब सपा-बसपा पर उनका वजूद बचाने का खतरा मंडराने लगा तो इसी डर का फायदा उठाते हुए निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने अपने बेटे को सपा के टिकट पर मैदान में उतारा। प्रवीण निषाद के मैदान में उतरने के बाद एक बार फिर निषादों के मन में ये उम्मीद जगी की इस बार उनके समाज से आने वाला प्रत्याशी जीत सकता है, जिसका परिणाम भी सबके सामने है।

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इस चुनाव में वो भले ही तीसरे नंबर पर रहे हों, मगर ये उनका पहला चुनाव था। निषाद पार्टी मात्र एक साल पहले बनी थी, इसके बावजूद वो बसपा के प्रत्याशी तक से आगे रहे थे। संजय निषाद को निषादों का वोट मिला था। इस सीट पर बीजेपी के बिपिन सिंह मात्र 4,500 वोटों से जीते थे।

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