- शहर में 50 फ़ीसदी एटीएम कैश लेस
- बैंकों को करीब 2000 करोड़ की जरूरत है
- लोगों को हो रही है परेशानियां
गोरखपुर- नोटबंदी के दौरान कैश की किल्लत का नजारा एक बार फिर देखने को मिल रहा है आरबीआई द्वारा मांग के अनुरूप कैश नहीं दिए जाने से बैंकों की करेंसी चेस्ट खाली होने के कगार पर है। शहर से लेकर गांव तक कैश के लिए बैंक शाखाओं एवं एटीएम पर मारामारी मची है शहर से लेकर गांव तक ग्राहकों को कैश निकासी के लिए परेशान होना पड़ रहा है ग्राहकों के खाते में जमा धन को देने में बैंकों को पसीने छूट रहा है एटीएम में कैश लोड करना बेमानी हो रहा है बैंकों द्वारा काउंटर भुगतान का ही अधिक महत्व दिए जाने से एटीएम के शटर गिर गए हैं।
जिले के विभिन्न बैंकों को करीब 2000 करोड़ की जरूरत है बैंकों द्वारा करेंसी के लिए आरबीआई को भेजी गई डिमांड पूरी नहीं होने से बैंकों की हालत बिगड़ने लगी है ग्राहकों को अपने खाते से कैश निकासी के लिए जोर आजमाइश करनी पड़ रही है ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित बैंक शाखाओं की स्थिति और भी खराब है कैश की उपलब्धता के अनुसार ग्राहकों को भुगतान मिल नहीं रहा है एटीएम के बंद होने से हाय तौबा मच गई है लीड बैंक के प्रबंधक ने बताया कि शहर में 50 फ़ीसदी एटीएम कैश लेस हो गए हैं।
जिस एटीएम में कैश लोड हो रहा है वह भी दो घंटे में खाली हो जा रहे हैं उन्होंने कहा कि आरबीआई को करेंसी के लिए बैंकों द्वारा डिमांड भेजी गई है पंजाब नेशनल बैंक के डीजीएम राकेश अरोड़ा ने कहा कि कैश की कमी है लेकिन ग्राहकों को जरूरत के मुताबिक भुगतान कराया जा रहा है उन्होंने कहा कि एटीएम में भी कैश लोड हो रहा है लेकिन घंटे भर में खाली होने से दिक्कत बढ़ गई है।एटीएम में कैश नही होने से लोगों को नोटबंदी के दिन याद आ गए है लेकिन बैंक प्रबंधन और भारतीय रिजर्ब बैंक की अनदेखी से आम आदमी दिक्कतों से जूझ रहा है।
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