‘मन की बात’ में गोरखपुर के इस शख्स के सवाल पर पीएम मोदी ने दिया कुछ यूं जवाब...

संक्षेप:

  • मन की बात’ में गोरखपुर के डॉ सुरेंद्र मिश्र ने पूछा सवाल
  • 28 जून को मगहर जाने को लेकर पीएम मोदी से किया सवाल
  • पीएम मोदी ने जवाब देते हुए सुनाए कबीर के कई दोहे

प्रधानमंत्री मोदी ने आज ‘मन की बात’ की। इस ‘मन की बात’ में गोरखपुर के टडवा से डॉ सुरेंद्र मिश्र ने कॉल किया और उनसे अपना सवाल पूछा। जिसका जवाब देते हुए पीएम मोदी ने दोहे भी बताए। दरअसल, डॉ सुरेंद्र मिक्ष ने कॉल कर कहा-

‘प्रधानमंत्री से नमस्कार, मैं डॉ सुरेंद्र मिश्र बोल रहा हूं, हमें ज्ञात हुआ है कि आप 28 जून को मगहर जा रहे है। मगहर के बगल में एक छोटा सा गांव टडवा जो गोरखपुर में है, मैं वहां का रहना वाला हूं, मगहर कबीर की समाधि स्थलीय है और कबीर के विचारों को लोग यहां याद रखते है, जिसकी चर्चा होती है, आपकी योजना से इस दिशा में समाज के सभी स्तरों पर काफी प्रभाव होगा। आपसे प्रार्थना है कि कृपया भारत सरकार की जो कार्य योजना है, उनसे अवगत कराने की कृपा करे।‘

इस पर पीएम मोदी ने कहा कि

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‘ये सही है कि मैं 28 तारीख को मगहर जा रहा हूं और वैसे भी मैं जब गुजरात में था, तब मैंने संतकबीरनगर से जुड़ एक राष्ट्रीय अधिवेशन भी किया था। आप लोग जानते है कि कबीरदास जी मगहर क्यों गए थे ? उस समय एक धारणा थी कि मगहर में जिसकी मृत्यु होती है वह स्वर्ग नहीं जाता, इसके उलट काशी में जो शरीर त्याग करता है, वह स्वर्ग जाता है। मगहर को अपवित्र माना जाता था, लेकिन इन पर संतकबीरदास विश्वास नहीं करते थे, अपने समय की ऐसी ही क्रुरीतियां और अंधविश्वासों को उन्होंने तोड़ने का काम किया, इसलिए वे मगहर गए और वहीं उन्होंने समाधि ली। संतकबीरदास जी ने अपने दोहे की माध्यम से सामाजिक सामानता, शांति और भाईचारे पर बल दिया। यही उनके आदर्श थे, उनके रचनाओं में यहीं आदर्श देखने को मिलते है। आज के युग में भी वे उतने ही प्रेरक है, उनका एक दोहा है, कि

‘कबीर एक सोई पीर है, जो जाने पर पीर

जो पीर न जानही, सो काफिर बेपीर’

मतलब, सच्ता पीर वही है, जो दूसरो की पीड़ा जानता और समझता है, जो दूसरे के दुख को नहीं जानते वे निष्ठुर है। कबीरदास ने सामाजिक समरता पर विशेष जोर दिया था। वे अपने समय से बहुत आगे सोचते थे, उस समय जब विश्व में अवनति और संघर्ष का दौर चल रहा था उन्होंने शांति और सद्भभाव का संदेश दिया और लोगों को एकजुट करके मतभेदों को दूर किया।

‘जग में बैरी कोई नहीं, जो मन शीतल होय

यह आपा तो डाल दे, दया करे सब कोय’

एक अन्य दोहे में कबीर लिखते है कि

‘जहां दया तहं धर्म है

जहां लोभ तहं पाप

जहां क्रोध तहं काल है

जहां क्षमा तहं आप’

उन्होंने कहा

‘जाति न पूछो साधू की,

पूथ लीजिये ज्ञान।‘

और लोगों से अपील की कि वह धर्म और जाति से ऊपर उठकर लोगों को ज्ञान के आधार पर मानें और उनका सम्मान करे। उनकी बातें सदियों बाद भी उतनी ही प्रभावी है। अब जब हम संतकबीर जी के बारे में बात कर रहे है तो हमें उनका दोहा याद आ गया। जिसमें वह कहते है कि

‘गुरू गोविंद दोऊ खड़े

काके लागूं पांय

बलिहारी गुरू आपने

गोविन्द दियो बताय’

ऐसी होती है गुरू की महानता।‘

आपको बता दें कि 28 जून को संत कबीरदास के 620वें प्राकट्य उत्सव के मौके पर पीएम मोदी मगहर पहुंचेंगे। इस दौरान उनकी रैली भी होगी। प्रदेश सरकार इस रैली को ऐतिहासिक बनाने में जुटी है। दरअसल, इस रैली के जरिए मिशन 2019 का पूर्वोत्तर में आगाज भी माना जा रहा है। यही वजह है कि योगी सरकार के साथ पूरी पार्टी इस रैली को सफल बनाने में जोर-शोर से जुटी हुई है।

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