पूरा भारत करेगा विंग कमांडर का `अभिनंदन`, ऐसे पाकिस्तान से वापस सकुशल आएंगे विंग कमांडर
- रेडक्रॉस के जरिये विंग कमांडर वापस लौटेगा भारत
- जेनेवा समझौते के तहत PoW को रेडक्रॉस के जरिये भेजने का है नियम
- रेडक्रॉस एक स्वतंत्र संस्था है जो मानवता का कार्य करता है
विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान कल रिहा करेगा. कहा जा रहा है विंग कमांडर अभिनंदन को वाघा बॉर्डर के जरिये भारत भेजा जाएगा. विंग कमांडर के स्वागत के लिए वाघा बॉर्डर पर पंजाब से सैकड़ों लोग स्वागत करने आएंगे. इंडियन एयर फोर्स के अधिकारी भी विंग कमांडर अभिनंदन को रिसीव करने आएंगे.
अब बड़ा सवाल यह आगे आ रहा है कि अभिनंदन की रिहाई कैसे होगी और कौन उन्हें सकुशल भारत लाएगा. हालांकि, पाकिस्तान उनकी वापसी सीधे नहीं करेगा. उन्हें रेडक्रॉस को सौंपेगा. रेडक्रॉस के प्रतिनिधि उन्हें भारत ले आएंगे. मतलब इस मामले में थर्ड पार्टी शामिल होगी.
Pakistan Prime Minister Imran Khan: As a peace gesture we are releasing Wing Commander Abhinandan tomorrow. pic.twitter.com/J0Attb6KDC
— ANI (@ANI) February 28, 2019
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जानकारों की माने तो दरअसल, जेनेवा कनवेंशन के तहत सेना का कोई ऑफिसर अगर दूसरे देश में पकड़ा जाता है तो उसे रेडक्रॉस के जरिए ही उसे उसके देश में वापस भेजा जाता है.
रेडक्रॉस एक स्वतंत्र संस्था है, जो किसी देश की सरकार के दबाव में काम नहीं करती. इसका सिद्धांत मानवता की सेवा है. दुनिया में कहीं भी युद्ध चल रहा हो, वहां रेडक्रॉस घायल सिपाहियों, सैनिकों की निस्वार्थ भाव से सेवा करती है. इसकी स्थापना हेनरी डयूनेन्ट ने 9 फरवरी 1863 को स्विट्जरलैंड के जिनेवा शहर में की थी. उस वक्त पांच लोगों की कमेटी थी. उसी साल जिनेवा में ही एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हुआ जिसमें 18 देशों ने शिरकत की. वहीं, रेडक्रास सोसायटी को कानूनी रूप मिला. हेनरी डयूनेन्ट को 1901 में शांति का पहला नोबेल पुरस्कार मिला.
सेना का कोई ऑफिसर जैसे ही दूसरे देश में पकड़ा जाता है उस पर जिनेवा समझौता लागू होता है. अगर पाकिस्तान इस समझौते का पालन नहीं करता है तो उसे इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में मुंह की खानी पड़ेगी.
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