शिक्षा के लिए सरकार तैयार कर रही रेडीमेड टीचर- प्रो. अनिल शुक्ला

संक्षेप:

  • गोरखपुर विश्वविद्यालय में संगोष्ठी का आयोजन
  • एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली के कुलपति पहुंचे
  • टीचर्स को सिलेबस पूरा करने की जल्दी रहती है- प्रो. अनिल शुक्ला

गोरखपुर: गोरखपुर विश्वविद्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग में आयोजित संगोष्ठी में एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली के कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने बतौर मुख्य अतिथि विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि आज विश्वविद्यालय टीचिंग मशीन बन गए हैं। यहां सिर्फ डिग्रियां बांटी जा रही हैं। शिक्षा पर सरकार का कब्जा होने के बाद रेडीमेड टीचर तैयार होने लगे हैं। टीचर टूल के रूप में कार्य कर रहा है। उसे सिर्फ सिलेबस पूरा करने की जल्दी रहती है, जबकि ज्ञान रेडीमेड नहीं हो सकता। नॉलेज को टेस्ट किए बिना आप अच्छे टीचर नहीं बन सकते।

भारत में शिक्षक-शिक्षा विषयक संगोष्ठी में प्रो. अनिल ने कहा कि टीचर वही बने जिनमें पढ़ाने की ललक हो। सिर्फ डिग्री लेकर टीचर बनने की सोच छोड़नी होगी। हमें ज्ञान नहीं प्रज्ञावान बनने की जरूरत है और यह सिर्फ किताब पढ़कर नहीं हो सकता। विद्यालयों में कंपटीशन सिखाया जाता है जबकि छात्रों को कोआपरेशन सिखाना चाहिए। छात्र कोआपरेशन सीखेगा तो उसमें साहचर्य का भाव विकसित होगा। बीएड, एमएड करने वाला टीचर नहीं होता, जो बच्चों को समझ ले वही टीचर है।

अवध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.राम अचल सिंह ने कहा कि शिक्षक को अत्याचार, अनाचार, दुराचार, भ्रष्टाचार और कदाचार का सदैव विरोध करना चाहिए। जटायु ने इसका विरोध किया तो भगवान राम की गोद में प्राण त्यागे और भीष्म पितामह ने द्रौपदी के चीरहरण के समय विरोध नहीं किया तो उन्हें बाणों की शैय्या मिली। इससे पहले मेजबान विभागाध्यक्ष प्रो. शैलजा सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया और संगोष्ठी के विषय की महत्ता पर प्रकाश डाला। पहले दिन बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के शिक्षक, छात्र-छात्राएं एवं शोधार्थी मौजूद रहे।

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