गोरखपुर उपचुनाव को लेकर क्यों अधर में है समाजवादी पार्टी

संक्षेप:

  • गोरखपुर उपचुनाव में सपा ने किया गठबंधन
  • निषाद पार्टी और पीस पार्टी को बनाया सहयोगी दल
  • विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और सपा ने सथा लड़ा था चुनाव

गोरखपुरः योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद इस्तीफा देने से खाली हुई गोरखपुर लोकसभा सीट पर 11 मार्च को मतदान होगा और परिणाम 14 मार्च को घोषित होंगे। वहीं गोरखपुर उपचुनाव को लेकर सपा अधर में दिखाई दे रही हैं। समाजवादी पार्टी पूर्वांचल की दो छोटी पार्टियों निषाद पार्टी और पीस पार्टी के अध्यक्ष अय्यूब अंसारी सपा और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के साथ गठजोड़ कर उप चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) ने गोरखपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव के लिये प्रवीण निषाद को पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया है। बता दें कि प्रवीण ‘निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल’ (निषाद पार्टी) के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे हैं। जिन्होंने सपा की सदस्यता ग्रहण की है। गौरतलब हो कि, पिछले विधानसभा चुनाव में सपा की सहयोगी रही कांग्रेस दोनों सीटों पर पहले ही अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है।

वहीं अखिलेश ने कांग्रेस के साथ गठबंधन के भविष्य के संबंध के बारे में कहा था कि  ‘‘हमारा मुख्य उद्देश्य चुनाव में साम्प्रदायिक शक्तियों को हराना है.’’ लेकिन सपा और कांग्रेस के गंठबधन कर चुनाव नहीं लड़ना और अपने ऊपर कम विश्वास के प्रत्याशी उतारा सपा के निराशा से जोड़कर देखा जा रहा है। क्यों कि जो पार्टी विधानसभा में मुख्य विपक्षी हो और वहीं दल गोरखपुर में हो रहे उपचुनाव में कई छोटे दल से हाथ मिला कर चुनाव लड़े तो ये कहा जा सकता हैं कि सपा गोरखपुर  उपचुनाव को लेकर पूरी तरह से असमंजस कि स्थिती में है।   

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