कैसे करें सुशांत केस में CBI से न्याय की उम्मीद? हो चुकी है फेल आरुषि, कृष्णानंद राय मर्डर और कई हाई प्रोफाइल केस में

संक्षेप:

SC ने सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput Case) की मौत के मामले की जांच का अधिकार सीबीआई को दिया है

सीबीआई का रिकॉर्ड देखें तो कई मामलों में नाकाम साबित भी हुई है

CBI का विवादों से चोली दमन का साथ

SC ने सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput Case) की मौत के मामले की जांच का अधिकार सीबीआई को दिया है। अब CBI ही इस पूरे मामले की जांच करेगी। वहीं सुशांत सिंह राजपूत मामले में सीबीआई ने कहा, अब आगे की जांच की जाएगी, लेकिन सीबीआई का रिकॉर्ड देखें तो कई मामलों में नाकाम साबित भी हुई है। वहीं, कई मामलों में जांच पर सवाल भी उठ चुके हैं। यहां तक की सुप्रीम कोर्ट ने भी कभी सीबीआई को `पिंजड़े में बंद तोता` कहा था। 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन से लेकर आरुषि मर्डर केस में ना सिर्फ सीबीआई की आलोचना हुई, बल्कि सुप्रीम कोर्ट से फटकार भी झेलनी पड़ी।

मामले जहां सीबीआई नाकाम साबित हुई

2 जी केस में सजा नहीं दिला पाई एजेंसी

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आरुषि मर्डर केस

बोफोर्स केस

राजीव गांधी की हत्या

जैन हवाला घोटाला

कर्नाटक के बेल्लारी में कथित अवैध खनन के मामले में

कृष्णानंद राय हत्याकांड

ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड

नवरुणा हत्याकांड और राहुल गौतम हत्याकांड 

 

CBI का विवादों से चोली दमन का साथ

सीबीआइ पर खुद लग चुके हैं भ्रष्टाचार के आरोपों । मामला इतना बड़ा था कि तबके सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा और तबके विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ही आपस में भिड़ पड़े हैं। इसे लेकर एक तरफ जहां सीबीआइ की साख पर बट्टा लगा है। वहीं, दूसरी तरफ पूरे देश में सीबीआइ की अंदरूनी कलह सब के सामने खुल के आ गई।

 

सीबीआइ ने वर्ष 2017 में भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड 538 केस में 755 आरोपी बरी हो चुके हैं। वहीं देश की अलग-अलग अदालतों ने 184 मामले खारिज कर दिए हैं। मतलब सिर्फ 66.8 फीसद मामलों में ही सीबीआइ अपराध साबित कर सकी। वहीं वर्ष 2014 से नवंबर नवंबर 2017 के बीच सीबीआइ भ्रष्टाचार के महज 68 फीसद मामलों में ही साक्ष्य जुटाने में सफल रही है। मतलब 32 फीसद केस में सीबीआइ को नाकामी हाथ लगी।

सीबीआइ की अपराध साबित करने की दर वर्ष 2014 में 69.02 फीसद, वर्ष 2015 में 65.1 फीसद और साल 2016 में 66.8 प्रतिशत रही थी। वहीं बड़े आपराधिक मामलों में ये दर मात्र 3.96 फीसद ही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भ्रष्ट्राचार के तीन में से एक मामलों में में सीबीआइ दोष साबित नहीं कर पाती है। मतलब भ्रष्टाचार के तकरीब 32 फीसद मामलों में सीबीआइ फेल हो जाती है।

सीबीआई को कभी सुप्रीम कोर्ट ने `पिंजड़े में बंद तोता` कहा था देखना होगा क्या इस बार सुशांत सिंह राजपूत के केस में CBI इस मिस्ट्री को सुलझा पति है या नहीं या इस बार भी इसके ज़रिये सिर्फ राजनतिक रोटियां ही सेकी जाएँगी और केस को रफा दफा करने की जल्दी किसी बेगुनाह को बलि का बकरा बना दिया जायेगा?

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