सावधान रहे नही तो कोरोना की दूसरी लहर ले सकता है आपकी जान, पहली से भी ज्यादा खतरनाक हो चुका है कोरोना

संक्षेप:

  • पहले से भी ज्यादा खतरनाक है कोरोना की दूसरी लहर
  • लोगो नही होंगे सावधान तो कोरोना ले सकता है उनकी जान
  • भारत में 24 घंटे में 1 लाख से भी ज्यादा मामले आ चुके है सामने

गोरखपुर- गोरखपुर जिले में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। रविवार को कोरोना के 114  नए मरीज मिले। जबकि पिछले साल अप्रैल माह की बात करें तो इस दिन एक भी मरीज नहीं मिला था। अचानक इतनी संख्या में मरीज मिलने से विभाग के सामने कई मुश्किलें खड़ी हो गईं हैं। खास बात यह है कि इसमें 60 लोग शहर के शामिल हैं। जबकि 39 ग्रामीण क्षेत्रों के हैं। संक्रमितों में 50 से अधिक की ट्रैवेल हिस्ट्री है।

सीएमओ डॉ. सुधाकर पांडेय ने बताया कि 114 मरीज मिलने के बाद जिले में संक्रमितों की कुल संख्या 22115 पहुंच गई है। इनमें 21222 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। मौत का आंकड़ा 368 हो गया है। वहीं, एक्टिव केस बढ़कर एक बार फिर 500 के पार 525 पहुंच गया है।

सीएमओ ने बताया कि शहरी थाना क्षेत्र में कुल 60 नए मरीज मिले हैं। इनमें सबसे अधिक शाहपुर 16, कैंट 15, कोतवाली 14, गोरखनाथ 10 और तिवारीपुर के पांच मरीज शामिल हैं। जबकि ग्रामीण थाना क्षेत्र में 39 नए मरीज मिले हैं। इनमें कैंपियरगंज, बड़हलगंज, खजनी, ब्रह्मपुर, उरुवा, भटहट और गगहा में एक-एक मरीज, चरगांवा 18, खोराबार पांच, कौड़ीराम दो, पिपराइच के तीन नए मरीज शामिल हैं। सीएमओ ने अपील की है कि लोग कोविड प्रोटोकॉल का पालन सख्ती से करें।

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कोरोना वायरस की दूसरी लहर की बात करें तो यह बेहद खतरनाक है। पिछले साल की तुलना में केस जिस तरह से बढ़ रहे हैं उस हिसाब से आने वाले दिनों में स्थिति बेहद गंभीर होने वाली है। पूरे मार्च माह की बात करें तो 347 मरीज मिले थे। जबकि अप्रैल माह के चार दिनों में इतने ही मरीज मिल चुके हैं। इसके बाद भी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और मास्क नहीं लगा रहे हैं।

कोविड जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसे देखते हुए बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने आरटीपीसीआर जांच के लिए 50 हजार किट की मांग की है। यहां रोजाना तीन से चार हजार किट का प्रयोग होता है। इसके अलावा पांच हजार एंटीजन किट की भी मांग की गई है। माइक्रोबायोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. अमरेश सिंह ने बताया कि आरटीपीसीआर और एंटीजन किट की आपूर्ति की जिम्मेदारी लखनऊ केजीएमयू को शासन ने दी है। केजीएमयू से किट की मांग की गई है।

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