यूपी बोर्ड 2018: गोरखपुर में हाईस्कूल में 73.69% जबकि इंटर में 67.61% बच्चे हुए पास

संक्षेप:

  • यूपी बोर्ड की परीक्षा के परिणाम रविवार को हुए घोषित
  • दसवीं में 73.69 प्रतिशत छात्र पास
  • 12वीं में 67.61% छात्र हुए पास

यूपी बोर्ड परीक्षा के नतीजों में 10 साल में सबसे कम बच्चे पास हुए है। इस इंटर का रिजल्‍ट 72.43 प्रतिशत रहा है, जबकि 2008 में इंटर का रिजल्‍ट सबसे खराब 65.05 प्रतिशत रहा था। 2009 से 2017 तक इंटर का रिजल्‍ट 79.52 से लेकर 92.68 प्रतिशत के बीच रहा था। माना जा रहा है कि बोर्ड परीक्षा में बरती गई सख्‍ती के चलते इस बार का रिजल्‍ट इतना खराब आया है। वहीं, हाईस्‍कूल का भी रिजल्‍ट पिछले साल के मुकाबले काफी कम है।

आपको बता दें कि बोर्ड परीक्षा की शुरुआत में ही बरती गई सख्‍ती के चलते हाईस्‍कूल और इंटर को मिलाकर 10,06408 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा छोड़ दी थी। इस साल इंटर का परिणाम 72.43 रहा। बता दें कि इससे पहले इंटर का इतना खराब रिजल्‍ट 2008 में आया था। उस समय इंटर का रिजल्‍ट 65.05 प्रतिशत रहा था। 2009 से लेकर 2017 तक इंटर का परीक्षा परिणाम 79.52 से लेकर 92.68 के बीच रहा था।

साल 2017 के परीक्षा परिणामों की बात करें तो इंटर के पास छात्रों की इस साल के मुकाबले 10.19 प्रतिशत की कमी आई है। जो कि 2016 की तुलना में 2017 के पास छात्रों में 5.37 की कमी से लगभग दोगुनी है। वहीं हाईस्‍कूल में पिछले साल के मुकाबले 6.02 प्रतिशत कम छात्र-छात्राएं पास हुए हैं। आपको बता दें कि 2016 बोर्ड के परिणाम की तुलना में 2017 में हाईस्‍कूल का पास प्रतिशत 6.48 कम रहा था। इस प्रकार देखा जाए तो हाईस्‍कूल के पास प्रतिशत में कमी बीते साल के तुलना में ही रही है।

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यूपी बोर्ड परीक्षा में भारी सख्‍ती बरती गई थी। परीक्षा के दौरान सीसीटीवी कैमरे से निगरानी कराई गई थी। परीक्षा केंद्र बनाए जाने से पहले सभी केंद्रों पर परीक्षा से ठीक पहले कैमरे लगवाए गए थे। बोर्ड परीक्षा के दौरान बरती गई इसी सख्‍ती के चलते करीब दस लाख छात्र-छात्राओं से परीक्षा बीच में ही छोड़ दी थी।

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