गोरखपुर में वायरल फीवर का प्रकोप, तेजी से बढ़ रहा पीड़ित बच्चों की संख्या

संक्षेप:

  • अस्पताल में बच्चों के बेड भरने की कगार पर।
  • बच्चों की संख्या 340 के पास पहुंची।
  • ओपीडी में आने वाले मरीजों में 50 फीसदी बच्चे बुखार से पीड़ित।  

गोरखपुर- बीआरडी मेडिकल कॉलेज से लेकर जिला अस्पताल में बच्चों के बेड भरने की कगार पर पहुंच गए हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मंगलवार से बुधवार सुबह तक 38 मरीज वायरल फीवर और इंसेफेलाइटिस पीड़ित पहुंचे थे। इसके बाद से बच्चों की संख्या 340 के आसपास पहुंच गई है। जबकि, जिला अस्पताल के इंसेफेलाइटिस वार्ड में 17 बेड में केवल तीन बेड खाली है। जानकारी के मुताबिक मंगलवार तक बीआरडी के बच्चों के 458 बेड वाले वार्ड में 330 से अधिक मरीज भर्ती हो चुके थे। जिला अस्पताल में कुल बेड 17 के सापेक्ष 14 बेड भर चुके हैं।

जिले में वायरल फीवर से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है। बच्चों को निमोनिया की वजह से फेफड़े में दिक्कत बढ़ गई है। यही वजह है कि डॉक्टर इस मौसम में बच्चों को बचाने की सलाह दे रहे हैं। जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एके उपाध्याय ने बताया कि ओपीडी में आने वाले मरीजों में 50 फीसदी बच्चे बुखार से पीड़ित है। कुछ बच्चों की हालत ज्यादा गंभीर हो जा रही है। जांच में निमोनिया के लक्षण मिल रहे हैं। इसकी वजह से उनके फेफड़े प्रभावित हैं। हालांकि कोविड जांच में रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. भूपेंद्र शर्मा ने बताया कि वायरल फीवर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। लेकिन, अब तक कोविड की पुष्टि किसी बच्चे में नहीं हुई है। वायरल फीवर में बच्चों के फेफड़े के साथ किडनी पर भी बुरा असर पड़ रहा है।

आठ बच्चे ईटीसी सेंटर से बीआरडी किए गए रेफर
सीएमओ डॉ. सुधाकर पांडेय ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ी है। लेकिन, अब तक किसी बच्चे की मौत नहीं हुई है। आठ बच्चे ऐसे मिले हैं, जो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के ईटीसी सेंटर पर भर्ती थे, जिन्हें जांच के लिए बीआरडी रेफर किया गया है। सभी केंद्रों को निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों के बुखार पर नजर रखी जाए। उनका तत्काल इलाज शुरू किया जाए। दिक्कत होने पर तत्काल जिला अस्पताल या फिर बीआरडी मेडिकल

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