उत्तराखंड में दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा 31 एसटीपी का काम

संक्षेप:

  • उत्तराखंड में जल्द सुधरेगी गंगा की हालत
  • दिसंबर तक पूरे होंगे 31 एसटीपी
  • दिल्ली में की गई थी समीक्षा बैठक

देहरादून: हरिद्वार और ऋषिकेश नमामि गंगे परियोजना के तहत दिसंबर तक सभी 31 सीवेज सीवेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) का काम पूरा कर लिया जाएगा। नमामि गंगे परियोजना के तहत उत्तराखंड में चल रहे कार्यों की दिल्ली में समीक्षा बैठक कि गई थी।

इस बैठक सभी कामों को इस साल दिसंबर तक पूरा करने के निर्देश भी दिए गए हैं। जिसमें एसटीपी के साथ घाटों का उन्नतिकरण व सौंदर्यीकरण और शवदाह गृहों का निर्माण करना भी शामिल है।

उत्तराखंड में साल 2035 तक 122 एमएलडी सीवेज होने का अनुमान है। इस समय राज्य की सीवेज शोधन क्षमता 97.6 एमएलडी है। उत्तराखंड में नमामि गंगे परियोजना निदेशक राघव लंगर ने जनाकारी दी कि नमामि गंगे परियोजना के तहत लगाने वाले एसटीपी समयावधि में लग दिए जायेंगे। परियोजना निदेशक राघव लंगर ने बताया कि 31 एसटीपी लगाने है जिसमें 16 एसटीपी लग चुके है।

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ऐसे में एसटीपी की जिन परियोजनाओं पर काम चल रहा है, उनके पूरा हो जाने से राज्‍य की जल-मल शोधन क्षमता 131.7 एमएलडी हो जाएगी। इन एसटीपी बनाने से काफी हद तक गंगा में सीधे गिराने वाले सीवरेज पर रोक लगेगी। नये एसटीपी संयंत्र बनाए जाने और पुराने संयंत्रों के उन्‍नयन के अलावा राज्‍य में 21 घाट और 22 शवदाह गृह बनाने का भी काम चल रहा है। इनमें से 10 घाट और 9 शवदाह गृह बनाए जा चुके हैं और बाकी के घाट और शवदाह गृह इस साल के अंत तक बनकर तैयार हो जाएंगे।

आपको बता दें कि नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत गंगा में सीधे जाने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए 31 एसटीपी लगाए जाने हैं। जिनमें से 16 एसटीपी का काम पूरा हो चुका है।

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