सावधान! अब गंगा में शवों को फेंकने से बचे, नहीं तो..

संक्षेप:

  • शवों को गंगा नदी में फेंके जाने पर प्रहरी की होगी नजर
  • 2500 से अधिक गंगा प्रहरी हैं प्रदेश में
  • विश्वबैंक की ओर से मिला था 4535 करोड़ का बजट

हरिद्वार। नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा यानी एनएमसीजी के तहत गंगा नदी को प्रदूषणमुक्त बनाने की जिम्मेदारी संभाल रहे गंगा प्रहरियों से अनुरोध किया गया है कि वे गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने को लेकर संचालित किए जा रहे जागरूकता कार्यक्रमों के साथ ही नदी में शवों को फेंके जाने पर भी नजर रखें। जिसके चलते उतराखंड से लेकर पश्चिम बंगाल तक कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ ही अन्य शवों को गंगा नदी में फेंके जाने पर अब गंगा प्रहरी भी नजर रखेंगे। साथ ही लोगों को इस बात के लिए जागरूक करें कि वे ऐसा ना करें।

ग्रामीणों को दी जा रही नदी सफाई का ज्ञान

भारतीय वन्यजीव संस्थान में वरिष्ठ वैज्ञानिक व नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा की नोडल अधिकारी डॉ रुचि बड़ोला ने बताया कि वैसे तो उत्तराखंड से लेकर पश्चिम बंगाल तक गंगा नदी को प्रदूषणमुक्त बनाने को लेकर तमाम कार्यक्रमों को संचालित किया जा रहा है। गंगा प्रहरियों के जरिए नदी के किनारे बसे गांवों के ग्रामीणों को इस बात की जानकारी दी जा रही है कि आखिरकार वे नदी को साफ सुथरा बनाने में अपने स्तर पर कैसे योगदान दे सकते हैं। वही गंगा प्रहरियों से यह भी अनुरोध किया गया है कि वे नदी में मृतकों के शव को फेंके जाने पर भी पैनी नजर रखें। साथ ही लोगों को ऐसा ना करने के प्रति जागरूक करें।

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


2500 से अधिक गंगा प्रहरी हैं प्रदेश में

प्रदेश में वर्तमान में 2500 से अधिक गंगा प्रहरी हैं। इनके पास गंगा की स्वच्छता की निगरानी और जागरूकता की जिम्मेदारी है। वर्तमान में ये गंगा में फूल, कटे पेड़-पौधे, कूड़ा-कचरा और निर्माण सामग्री डाले जाने से रोकने और निगरानी के साथ प्रशासन को रिपोर्ट देने के काम हैं। साथ ही इन पर तटीय इलाकों में बसे लोगों को जागरूक करने का भी काम है। 

विश्वबैंक की ओर से मिला था 4535 करोड़ का बजट

नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के तहत विश्व बैंक की तरफ से बड़े पैमाने पर बजट मुहैया कराया जा रहा है। दिसंबर 2021 तक विश्व बैंक की ओर से 4535 करोड़ का बजट आवंटित किया जा चुका है। इतना ही नहीं, नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के तहत 25000 करोड़ रुपये की लागत वाली 313 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी हैं।

यूपी-बिहार में मिले थे गंगा में शव फेंके जाने के मामले

पिछले दिनों उतर प्रदेश, झारखंड, बिहार समेत कई राज्यों में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद शवों का गंगा में फेंके जाने का मामला उजागर हुआ था। इसके बाद से गंगा की स्वच्छता को लेकर सरकारें सक्रिय हुई और अपने-अपने क्षेत्र में निगरानी के आदेश दिए थे। 

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Haridwar की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles