Corona pandemic: हरिद्वार कुंभ में कोरोना की लहर, रोजाना 6 से 10 संत मिल रहे संक्रमित
- शाही स्नान के तीसरे दिन ही अखाड़ों में संक्रमित संतों की संख्या 40 तक पहुंची।
- सबसे अधिक 25 संक्रमित केवल श्री पंचदशनाम, पंचायती और श्री निरंजनी अखाड़े में मिले हैं।
- 17 अप्रैल से अखाड़ों में कोविड आरटी पीसीआर जांच रेंडम सैंपल लेने शुरू होंगे।
हरिद्वार। देशभर में कोरोना अपने पैर पसार रहा है। वहीं जिस बात की आशंका थी, वह धीरे-धीरे पूरी हो रही है। हरिद्वार महाकुंभ का आयोजन घातक सिद्ध हो रहा है। शाही स्नान के तीसरे दिन ही अखाड़ों में संक्रमित संतों की संख्या 40 तक पहुंच गई है। सभी 13 अखाड़ों की छावनियों में हजारों की संख्या में देशभर से आए संत कल्पवास कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण अखाड़ों की छावनियों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। वहीं अखाड़ों की छावनियों में संतों दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। ऐसे में कुंभ नगरी में बड़े पैमाने पर संक्रमण के फैलने का खतरा बना हुआ है। महाकुंभ के शाही स्नानों के बाद कुंभ नगरी में नए कोरोना संक्रमितों के दैनिक आंकड़े पिछले तमाम रिकार्ड ध्वस्त कर रहे है।
केंद्र सरकार की अशंका सच हुई
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कुंभ की अधिकारिक घोषणा से पहले केंद्र सरकार ने संतों की छावनियों के निर्माण और कथा आयोजनों के दौरान संक्रमण के फैलने की आशंका जताई थी। प्रदेश सरकार ने संतों के लगातार दबाव के चलते खुले में छावनियों के निर्माण की अनुमति दे दी। इसके बाद प्रदेश सरकार ने पारंपरिक रूप से शिविर लगाने और कथा आयोजनों को भी मंजूरी दी। अब केंद्र सरकार की आशंका सही साबित हो रही है। संतों की कोई भी छावनी संक्रमण से अछूती नहीं है। सबसे अधिक 25 संक्रमित केवल श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा और पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी अखाड़े में मिले हैं। दोनों अखाड़ों में नए संक्रमितों के मिलने का सिलसिला जारी है।
17 अप्रैल से अखाड़ों में कोविड आरटी पीसीआर जांच रेंडम सैंपल लेने शुरू होंगे
हरिद्वार के सीएमओ डॉ एसके झा का कहना है कि शाही स्नान के चलते संतों की कोविड जांच नहीं की जा रही थी। 17 अप्रैल से अखाड़ों में कोविड आरटी पीसीआर जांच के लिए संतों के रेंडम सैंपल लेने शुरू किए जाएंगे।
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