हरिद्वार में चंद्रग्रहण से पहले श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान, अब जरूर करें ये काम

संक्षेप:

  • चंद्रग्रहण से पहले श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान
  • मंदिरों के कपाट हुए बंद
  • ग्रहण काल में करें महामृत्युंजय मंत्र का जाप

 

हरिद्वार: माघी पूर्णिमा पर साल के पहले चंद्रग्रहण के चलते श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी सहित अन्य घाटों पर गंगा स्नान कर पुण्य अर्जित किया। इसके साथ ही सूतक लगने से मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए। 

श्री गंगा सभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा `गांधीवादी` और महामंत्री रामकुमार मिश्रा के अनुसार सुबह नौ बजे ग्रहण का सूतक काल शुरू होने पर मठ-मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए। उन्होंने बताया सूतक काल के समय में परिवर्तन चंद्रमा की गति और कालगणना के बाद आए नए समय के चलते किया गया।

हरकी पैड़ी पर शाम को होने वाली गंगा आरती भी ग्रहण के कारण रात पौने नौ बजे के बाद की चंद्रमा के पृथ्वी की छाया से बाहर निकलने के बाद  की जाएगी।

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साल का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण की दशा भारतीय समय के अनुसार शाम छह बजकर 56 मिनट पर बन रही है। पूर्णिमा की पक्ष कुंडली को इस ग्रहण की कुंडली माना जाएगा। जब चन्द्रमा पूर्ण रूप से ग्रसित दिखाई देगा और अंशात्मक गणना से वह ठीक सूर्य के समसप्तक होगा।

ग्रहण के समय बनने वाली कुंडली में सिंह लग्न उदय हो रहा है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक पृथ्वी चंद्र ग्रहण के प्रभाव वाले क्षेत्र में 04 बजकर 22 मिनट में दाखिल होगी। दरअसल, इस दौरान पृथ्वी की एक आंशिक बाहरी छाया चंद्रमा पर पड़ेगी। आंशिक चंद्रगहण शाम 5 बजकर 18 मिनट से शुरू होगा। पूर्ण चंद्रग्रहण शाम 06:22 बजे से लेकर 07:38 बजे तक चलेगा। आंशिक चंद्रगहण 8 बजकर 41 मिनट पर खत्म होगा।

चंद्रमा पृथ्वी की छाया से पूरी तरह रात 9 बजकर 39 मिनट पर बाहर निकलेगा। ग्रहण का सूतक काल सुबह 9 बजे पर शुरू हुआ। जिसके चलते हरकी पैड़ी सुबह गंगा आरती के बाद मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए और रात पौने नौ बजे के बाद मंदिरों की साफ सफाई कर उसके बाद जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया से पूरी तरह से बाहर निकल जाएगा तब गंगा आरती की जायेगी। इसके साथ ही सुबह ग्रहण से पूर्व श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया।

अगर चाहते हैं कि चंद्रग्रहण का आपके जीवन पर बुरा प्रभाव न पड़े तो इस काम को जरूर करें...

  • रोग शांति के लिए ग्रहण काल में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना शुभ होता है। अन्न, वस्त्र, धन एवं फल आदि का दान शुभप्रद माना जाता है।
  • इस मौके पर चंद्र-राहु का जप करें। ऊं नमो वासुदेवाय मंत्र का जप करें।
  • ज्योतिष पीपीएस राणा के अनुसार ग्रहण के समय भोजन बनाना, भोजन करना, निंद्रा लेना, मूर्तियां स्पर्श करना निषेध होता है। इस अवधि में मंत्रों का जप करना कई गुना फल देता है।
  • बालक, वृद्ध एवं रोगियों के लिए अन्न, जल लेने में दोष नहीं माना जाता है। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान-दान आदि करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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