मन को शांति देती है धर्मनगरी हरिद्वार की गंगा घाट आरती

संक्षेप:

  • देश भर में विख्यात है हरिद्वार की गंगा घाट आरती
  • 1910 से शुरू हुई गंगा घाट आरती
  • पंडित मदन मोहन मालवीय ने की थी शुरूआत

हरिद्वार: उत्तराखंड में बहुत से दार्शनिक स्थल हैं।उनमें से एक बहुत ही प्रसिद्ध जगह हैं हरिद्वार। अकसर सुना होगा कि सारे काम खत्म हो जाएंगे तो हरिद्वार के दर्शन कर लूं। ऐसा इसलिए कहते हैं क्योंकि हरिद्वार भारत के चुनिंदा धार्मिक स्थलों में से एक है। हरिद्वार का मतलब होता है ईश्वर का द्वार। इसे मायापूरी और मोक्षद्वार भी कहते हैं।

अगर हरिद्वार आए और हर की पौड़ी ना घूमें तो कुछ नहीं देखा। हर की पौड़ी पर होने वाली गंगा आरती हिन्दुओं के लिए बहुत महत्व रखती है। शाम की आरती के समय से कम से कम एक घंटा पहले घाट पर पहुंचे। गंगा आरती यहां के पंडितों द्वारा की जाती है। आप भी आरती के बाद गंगा में दीपदान कर सकते हैं। गंगा तट पर शाम की आरती के समय घंटियों की आवाज और आरती के बाद बहते हुए हजारों दियों की नजारा बेहद खूबसूरत होता है। यहां होने वाली गंगा आरती में शामिल होने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।

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आज की भाग दौड़ वाली जिंदगी में अगर मन को शांत करना है तो हरिद्वार एक बहुत अच्छी जगह है। हरिद्वार पहाड़ियों के बीच बसा एक सुंदर धार्मिक शहर है। जो लोगों को अपनी और आकर्षित करता है। धर्मनगरी कहा जाने वाला एक ऐसा स्थल है जहां मां गंगा पथरीले रास्तों से मुक्त होती हैं।

हर कि पौड़ी में गंगा आरती  1910 में पंडित मदन मोहन मालवीय ने शुरू की थी। हाल ही में उन्हें भारत सरकार द्वारा "भारत रत्न" सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार के रूप में सम्मानित किया गया था। गंगा आरती एक दिन में दो बार सुबह और शाम में होती है। शुरूआत में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय आरती की जाती थी।

आरती में शामिल होने के लिए और आरती के समीप जगह पाने के लिए लोग जल्दी आना शुरू कर देते हैं। गंगा समिति के पंडित मिलकर संस्कृत मंत्रों के साथ आरती की शुरूआत करते हैं। लोगों का कहना है की इस आरती को सुनने से मन को शांति मिलती है।

वहीं मंदिरों के लिए प्रसिद्ध हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर के दर्शन बहुत ही अच्छा माना जाता है। मनसा देवी मंदिर बिलवा पहाड़ पर स्थित है। ये एक फेमस सिद्धपीठ है। हर की पौड़ी से लगभग 3 किमी ट्रैक करके या रोपवे (मनसा देवी उडनखटोला) के जरिए यहां पहुंचा जा सकता है। मंदिर तक जाने के लिए रोपवे 178 मीटर्स की उंचाई तक जाता है। यहां मांगी गई मन्नत पूरी हो जाती है।

मनसा देवी मंदिर

पिंड जान के लिए प्रसिद्ध त्रिवेणी घाट तीन पवित्र नदियों का संगम है, जमुना, गंगा और सरस्वती। इसलिए इसे त्रिवेणी संगम कहते हैं। यहीं पर त्रिवेणी घाट है। कहा जाता है कि यहां स्नान करने से सारी तकलीफें दूर हो जाती हैं। हर शाम यहां भक्त गंगा में दिये बहाते हैं। यहां हजारों भक्त मोक्ष प्राप्ति के लिए आते हैं और सुबह या शाम गंगा में नहाते हैं।

वैष्णो देवी मंदिर

कटरा में स्थित वैष्णो देवी मंदिर हिन्दुओं का पवित्र स्थान है। हरिद्वार में इसका रेप्लिका बनाया गया है। हालांकि, ये मंदिर 10 साल पुराना ही है, लेकिन वैष्णों देवी मंदिर की तरह ही इसमें भी गुफाएं बनी हैं। ये मंदिर जम्मू के वैष्णों देवी मंदिर के जैसा ही है।

 

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