हरिद्वार में इस तरह से भी दूषित हो रही गंगा

संक्षेप:

  • गंगा सफाई में लगे हैं कई NGO
  • स्पर्श गंगा के मीडिया प्रभारी से NYOOOZ की बातचीत
  • शैलेश डबराल ने किया- गंगा को स्वच्छ रखने का आग्रह

हरिद्वार: गंगा सफाई के कार्य में कई NGO लगी है लेकिन इसके बावजूद लोग गंगा को प्रदूषित करने से बाज़ नहीं आ रहे हैं। हरिद्वार में स्पर्श गंगा नाम की NGO के मीडिया प्रभारी शैलेश डबराल ने NYOOOZ को बताया कि वो और उनके साथी कई वर्षों से गंगा की सफाई के साथ-साथ लोगों को जागरूक कर रहे हैं।

शैलेश डबराल ने बताया कि स्पर्श गंगा की टीम हर रविवार सुबह गंगा घाटों पर स्वच्छता अभियान चलाती है और शाम के वक़्त गंगा को स्वच्छ रखने के लिए जागरूकता अभियान चलाती है लेकिन फिर भी लोग बाज़ नहीं आते हैं। गंगा में कपड़े धोना, नहाना अक्सर लोग ऐसा करते दिख जाते हैं। गंगा को प्रदूषित करने में अधिकतर लोकल ही हैं जो नहाना, कपड़ों को धोना और होटल का बचा ख़राब खाना गिराना ये सब कर रहे हैं लेकिन हमारी टीम निरंतर प्रयास करती रहेगी।

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शैलेश डबराल ने बताया कि स्पर्श गंगा अभियान की शुरुआत सन् 2009-10 में उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं वर्तमान हरिद्वार सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के द्वारा की गई थी। लगभग 2 वर्षों से यह टीम हरिद्वार और उत्तराखंड में मां गंगा की स्वच्छता, सेवा के लिए कार्यरत है।

उन्होंने बताया कि इन दो वर्षों मे इस अभियान से सैकड़ों लोग जुड़े, इस टीम के सदस्य हर रविवार सुबह गंगा घाटों पर स्वच्छता अभियान चलाकर शाम को जागरूकता अभियान चलाते हैं, जिससे लोगों में माँ गंगा के प्रति सद्भावना आये।  वह इसे गन्दा न करें, ये टीम लोगों को समझाकर उन्हें स्वच्छता के प्रति जागरूक कर उनके कर्तव्यों के बारे में बताती है कि गंगा कोई आम नदी नहीं जीवनदायिनी है। यह करोड़ों लोगों को रोजगार देती है, जीवन देती है। यह धरती पर एक जीवित भगवान है जो मनुष्यों के पापों को हरती है लेकिन मनुष्य इसे एक तालाब या नाले की तरह इस्तेमाल कर रहा है। शैलेश डबराल ने कहा कि मैं NYOOOZ के माध्यम से आग्रह करता हूं कि गंगा को बचाने के लिए इस अभियान से जुड़ें और गंगा को स्वच्छ रखें।

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