हरिद्वार के डीएम दीपक रावत के छापे से एक बार फिर मचा हड़कंप

संक्षेप:

  • हरिद्वार के डीएम ने किया एक इंस्टीट्यूट का निरीक्षण
  • इंस्टीट्यूट का अभिलेख नहीं दिखा पाए संचालक
  • डीएम ने लगाई फटकार

हरिद्वार: रुड़की के एक इंस्टीट्यूट में हरिद्वार के डीएम दीपक रावत ने औचक निरीक्षण किया, जिससे वहां हंडकम्प मच गया। जिलाधिकारी ने इंस्टीट्यूट के अभिलेख मांगे लेकिन संचालक नहीं दिखा पाए।

जिसके बाद डीएम दीपक रावत ने संचालक को फटकार लगाते हुए स्वयं जांच करने की बात कही। आपको बता दें कि रुड़की के जीनियस एजुकेशन प्वाइंट इंस्टीट्यूट से बीती 5 नवम्बर को 66 बच्चों का चयन सरकारी नौकरियों में हुआ था। जिसे लेकर जिलाधिकारी दीपक रावत को शिकायत मिली थी कि एक छोटे से इंस्टीट्यूट से इतनी बड़ी संख्या में बच्चों का चयन होना सन्देह के घेरे में है।

इसके बाद जिलाधिकारी दीपक रावत अचानक इंस्टीट्यूट पहुंचे और जांच की। इस दौरान रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, एसपी देहात, सीओ समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने इंस्टीट्यूट संचालक से अभिलेख मांगे लेकिन वह इंस्टीट्यूट से सम्बंधित कोई भी अभिलेख नहीं दिखा पाए।

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वहीं 66 बच्चों के सलेक्शन पर जिलाधिकारी ने सन्देह जताते हुए कहा कि इंस्टीट्यूट में पढ़ाई से सम्बंधित कोई भी सामग्री नहीं है बावजूद इसके 66 बच्चो का सरकारी नौकरियों में चयन होना अपने आप मे सवाल खड़े कर रहा है। जिलाधिकारी ने बताया इंस्टीट्यूट की लिखित शिकायत उन्हें प्राप्त हुई थी जिसके आधार पर उन्होंने औचक निरीक्षण किया।

इंस्टीट्यूट में चयनित बच्चों से सम्बंधित कोई भी अभिलेख उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है। साथ ही इंस्टिट्यूट में विभिन्न खामियां पाई गई है। जिनकी विस्तारपूर्वक जांच की जाएगी। इस दौरान जिलाधिकारी ने इंस्टीट्यूट संचालक को जमकर फटकार भी लगाई और संचालक के फोन जब्त कर लिए गए।

जानकारी के अनुसार इंस्टीट्यूट के बच्चों का चयन होने पर रुड़की के एक होटल में कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था। जिसमें बतौर मुख्यातिथि के रूप में नगर के विधायक प्रदीप बत्रा ने चयनित बच्चों को शुभकामनाएं भी दी थी।

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